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23 पशु चिकित्सालयों का होगा जीर्णोद्धार

पहल. वैक्सिन के रख-रखाव के लिए बनेगा कोल्ड कैबिनेट, लगेंगे आधुनिक उपकरण राज्य में संचालित कोसी बेसिन डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट फेज टू में प्रमंडल के पूर्णिया जिले के साथ साथ अररिया जिले को भी शामिल कर लिया गया है. इसके तहत जिले में पशुपालन, कृषि व मत्स्य विभाग सहित कुछ अन्य विभागों में भी विशेष योजनाएं […]

पहल. वैक्सिन के रख-रखाव के लिए बनेगा कोल्ड कैबिनेट, लगेंगे आधुनिक उपकरण

राज्य में संचालित कोसी बेसिन डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट फेज टू में प्रमंडल के पूर्णिया जिले के साथ साथ अररिया जिले को भी शामिल कर लिया गया है. इसके तहत जिले में पशुपालन, कृषि व मत्स्य विभाग सहित कुछ अन्य विभागों में भी विशेष योजनाएं शुरू होंगी.
अररिया : जिले के चहुमुखी विकास की चाहत रखने वालों के लिए एक अच्छी और बड़ी खबर है. राज्य में संचालित कोसी बेसिन डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट फेज टू में प्रमंडल के पूर्णिया जिले के साथ साथ अररिया जिले को भी शामिल कर लिया गया है. इसके तहत जिले में पशुपालन, कृषि व मत्स्य विभाग सहित कुछ अन्य विभागों में भी विशेष योजनाएं शुरू होंगी. सब कुछ ठीक ठाक रहा ताे पशुपालन विभाग का कायाकल्प होना तय है.
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 में हुए कुसहा त्रासदी के कारण हुई क्षति के बाद इस परियोजना की कल्पना राज्य सरकार ने की थी. परियोजना का फेज वन पहले ही शुरू किया जा चुका है. अब फेज टू में अररिया को शामिल किया गया है. योजना पूरी तरह विश्व बैंक संपोषित है. इस योजना से पशुपालकों को काफी राहत मिलेगी, उन्हें अब अपने पशु के इलाज की ज्यादा िचंता करने की जरूरत नहीं है.
वैन में होगी जांच की सुविधा
टीका सुरक्षा के लिए जिला स्तर पर कोल्ड कैबिनेट बनाया जायेगा. प्रखंड स्तरों पर भी टीकों के रख रखाव के लिए कोल्ड चेन यूनिट बनाये जायेंगे. पशु चिकित्सा के लिए उपलब्ध मोबाइल वैन को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जायेगा. वैन में ही आवश्यक जांच की व्यवस्था होगी. ताकि पशुओं में बीमारी फैलने पर तुरंत जांच व चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा सके. प्रभारी पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि परियोजना में मुर्गी पालन व बकरी पालन पर विशेष फोकस देने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है. उन्होंने बताया कि जिले में चरागाह की कमी नहीं है. लिहाजा बकरी पालन की काफी बेहतर संभावना जिले में हैं. बताया गया इन दोनों योजनाओं में 50 से 90 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान होने की उम्मीद है.
प्रत्येक पंचायत में स्थापित होगा कृत्रिम गर्भाधान केंद्र
मोबाइल वैन को कई आधुनिक उपकरणों से किया जायेगा लैस
पशु चिकित्सक करेंगे माॅनीटिरंग
प्रभारी पशुपालन पदाधिकारी के मुताबिक मत्स्य पालन विभाग के जरिया भी कई योजनाएं शुरू की गयी हैं. परियोजना के तहत मछुआरा समिति के सदस्यों को मछलियों को बाजार तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए दो पहिया व चारपहिया वाहन उपलब्ध कराये जायेंगे. वाहन में बर्फ रखने के लिए बॉक्स भी रहेंगे. वाहनों के क्रय पर 90 प्रतिशत तक अनुदान है.
परियोजना के फेज टू में जिन पांच जिलों को शामिल किया गया है, उनमें अररिया भी है. बताया गया कि जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में कुल 23 पशु चिकित्सालय हैं. सभी अस्पतालों का जीर्णोद्धार होगा.
डॉ फिरोज अख्तर, जिला पशुपालन पदाधिकारी, अररिया.
कृत्रिम गर्भाधान की होगी विशेष व्यवस्था
परियोजना के तहत कृत्रिम गर्भाधान की भी विशेष व व्यापक पैमाने पर व्यवस्था होगी. जिला से लेकर पंचायत स्तर तक गर्भाधान यूनिट की स्थापना की जायेगी. केंद्र में पारा मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति रहेगी, ताकि पशुओं का समुचित इलाज हो सके. अगर इस बात पर अमल हो जायेगा तो ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालकों को परेशानी नहीं होगी.

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