शहर के अनियंत्रित होते ट्रैफिक को नियंत्रित करने का जिम्मा बिहार पुलिस व होमगार्ड के जवानों पर है. जिला बनने के दो दशक बीतने के बाद भी शहर में प्रशिक्षित ट्रैफिक पुलिस की प्रतिनियुक्ति नहीं हो सकी है. ऐसे में ट्रैफिक पर ज्यादा दबाव वाले जगहों पर बिहार पुलिस व होमगार्ड के जवान की प्रतिनियुक्त […]
शहर के अनियंत्रित होते ट्रैफिक को नियंत्रित करने का जिम्मा बिहार पुलिस व होमगार्ड के जवानों पर है. जिला बनने के दो दशक बीतने के बाद भी शहर में प्रशिक्षित ट्रैफिक पुलिस की प्रतिनियुक्ति नहीं हो सकी है. ऐसे में ट्रैफिक पर ज्यादा दबाव वाले जगहों पर बिहार पुलिस व होमगार्ड के जवान की प्रतिनियुक्त से काम चलाया जाता है.
चूंकि जिला पुलिस पहले से ही जवानों के कमी की समस्या झेल रहा है. ऐसे में आवश्यक के लिहाज से जवानों की उपलब्धता वह भी सुनिश्चित नहीं करा पाता. यही वजह है कि जाम के मुख्य स्थल बस स्टैंड व चांदनी चौक चौराहा पर लगने वाले भीषण जाम को नियंत्रित करने का जिम्मा अक्सर बिहार पुलिस या होमगार्ड के किसी एक जवान पर होता है. खास बात ये कि बस स्टैंड पर तो जवान की मौजूदगी दिन में प्राय: देखी जा सकती है. लेकिन चांदनी चौक पर गाहे-बगाहे ही जवान की मौजूदगी देखी जाती है.
शहरी जनसंख्या के हिसाब से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. ऐसा इसलिए कि मुख्यालय की मुख्य सड़क ही नहीं अब तो गली मुहल्ले की सड़कों पर भी जाम की समस्या अक्सर दिखती है.
अररिया : शहर की ट्रैफिक व्यवस्था दिन ब दिन बदतर होती जा रही है. या यूं कहिये कि बढ़ती शहरी जनसंख्या के हिसाब से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. ऐसा इसलिए कि मुख्यालय की मुख्य सड़क ही नहीं अब तो गली मुहल्ले की सड़कों पर भी जाम की समस्या अक्सर दिखती है. ऐसे में छोटे-बड़े जाम में फंस कर घंटों अपना समय बरबाद करने की लोगों की मुश्किलें शहर में बढ़ती ही जा रही है.
दरअसल शहर की जनसंख्या के साथ-साथ सड़कों पर चलने वाले दो पहिया व चार पहिया वाहनों की संख्या रोज बढ़ रही है. इतना ही नहीं बड़ी संख्या में लोग रोज अपने अलग-अलग कार्यों से मुख्यालय पहुंचते हैं. बड़ी संख्या में लोगों के रोज मुख्यालय पहुंचने से खास कर काम के घंटों में यहां की ट्रैफिक पर भारी दबाव होता है. इसके बाद भी ट्रैफिक को नियंत्रित करने सहित शहर वासी को इस जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिये किसी तरह का प्रशासनिक प्रयास अब तक सिफर ही रहा है.
शहर की रफ्तार भी हो रही है प्रभावित : रोज लगने वाले जाम शहरी लोगों के रफ्तार को प्रभावित करने लगा है. काम के मुख्य घंटों में शहर के मुख्य सड़कों पर गाड़ियां चलने की जगह सरकती हुई जान पड़ती है. खास कर चांदनी चौक से जीरो माइल, चांदनी चौक से रानीगंज बस स्टैंड,
महादेव चौक से चांदनी चौक व काली मंदिर से गोढ़ी चौक जाने वाली सड़कों का तो यही हाल है. सुबह दस बजे के बाद दोपहर दो बजे तक सड़कों पर अक्सर जाम लगे होते हैं. इस दौरान लोगों को चंद किलोमीटर की दूरी तय करने के लिये ही घंटों समय बर्बाद करने पड़ जाते हैं. चांदनी चौक, अस्पताल रोड़, जीरो माइल, बस स्टैंड सहित हटिया जाने वाली सड़क शहर के कुछ ऐसे सड़कों में शामिल हैं. जहां लोग बिना किसी मजबूरी के आने-जाने से परहेज करने लगे हैं.
क्या कहते हैं कार्यपालक पदािधकारी
शहर में बढ़ते जाम की समस्या को लेकर नप के कार्यपालक पदाधिकारी भवेश कुमार ने कहा कि अतिक्रमण को लेकर विभाग का सख्त रूख कायम है. कई जगहों को अतिक्रमण मुक्त भी कराया गया है. उन्होंने कहा कि स्थायी स्टैंड के निर्माण के लिये उपयुक्त स्थल की खोज की जा रही है. जल्द ही स्थायी स्टैंड के निर्माण होने का भरोसा उन्होंने दिलाया.