फारबिसगंज : कोसी सीमांचल व बिहार वासियों को शुद्ध पेयजल कम खर्च पर उपलब्ध कराने के लिए एमबीआइटी तकनीकी संस्थान बिहार के तीन जगहों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्योर एक्वा वाटर प्लांट लगायेगा. उक्त बातें ऑस्ट्रेलिया से आये पाइलट प्रोजेक्ट के विशेषज्ञ राबर्ट डिमांकों व एमबीआइटी के निदेशक संस्थापक अमित कुमार दास ने गुरुवार को एमबीआइटी परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों से कही. उन्होंने कहा कि अपने जीवन का 15 वर्ष लगा कर इस प्रोजेक्ट को तैयार किया है, जो आम लोगों को फायदा पहुंचा सके.
श्री डिमांको ने कहा कि श्योर इकवा प्रोजेक्ट के माध्यम से सभी आम और खास को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है. श्योर इकवा प्रोजेक्ट नाले के गंदा पानी को भी शुद्ध पेयजल में परिवर्तित कर पायेगा. दो पैसों की लागत पर एक लीटर शुद्ध पेयजल प्राप्त किया जा सकेगा. बिहार के सीमांचल, कोसी सहित अन्य क्षेत्रों में उपलब्ध पानी में आयरन, क्लोराइड, आर्सेनिक की मौजूदगी के कारण बड़ी संख्या में यहां के लोग जल जनित बीमारी का शिकार हो रहे हैं.
पर्यावरण व जल प्रबंधन विभाग के द्वारा किये गये सर्वेक्षण के मुताबिक यह बिहार के 16 जिला व 57 प्रखंड में भू-जल में आर्सेनिक, आयरन और क्लोराइड उच्च स्तर में मौजूद है. श्योर एकवा प्रोजेक्ट कम आय वर्ग के लोगों को कम कीमत पर लोह युक्त पेयजल उपलब्ध करायेगा. यह लोगों को 99.99 प्रतिशत शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में सक्षम है.
ऑस्ट्रेलिया के शिक्षाविद् व विशेषज्ञ मार्क विस्टन ओरोली तथा गर्थ एडवर्ड ने इस प्रोजेक्ट को इस क्षेत्र में लाने व यहां के आम लोगों को लोह युक्त पेयजल से निजात दिलाने के दिशा में किये जा रहे प्रयास में एमबीआइटी के निदेशक अमित कुमार दास की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह शुद्ध पेयजल परियोजना यहां के लोगों के स्वस्थ्य जीवन का शुरुआत है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लगने से यहां के लोगों को रोजगार का भी अवसर मिलेगा.