18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

श्रम दिवस पर श्रमिकों को दिया गया प्रशक्षिण

श्रम दिवस पर श्रमिकों को दिया गया प्रशिक्षण श्रमिकों को दी गयी उनके अधिकार की जानकारीबाल श्रम रोकने के लिए श्रमिकों को किया गया जागरूक फोटो:10-प्रशिक्षण का उद्घाटन करते श्रम अधीक्षक व अन्य.फोटो:11- मौके पर उपस्थित मजदूर प्रतिनिधि, अररिया श्रम अधिकार दिवस के अवसर पर श्रम संसाधन विकास विभाग द्वारा महिला कॉलेज के परिसर में […]

श्रम दिवस पर श्रमिकों को दिया गया प्रशिक्षण श्रमिकों को दी गयी उनके अधिकार की जानकारीबाल श्रम रोकने के लिए श्रमिकों को किया गया जागरूक फोटो:10-प्रशिक्षण का उद्घाटन करते श्रम अधीक्षक व अन्य.फोटो:11- मौके पर उपस्थित मजदूर प्रतिनिधि, अररिया श्रम अधिकार दिवस के अवसर पर श्रम संसाधन विकास विभाग द्वारा महिला कॉलेज के परिसर में बुधवार को एक दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण का उद्घाटन श्रम अधीक्षक कुमार आलोक रंजन, श्रम परिवर्तन पदाधिकारी नुनु लाल चौधरी के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित मजदूरों को अपने बच्चों की शिक्षा दीक्षा पर ध्यान देने का अनुरोध किया गया. श्रम परिवर्तन पदाधिकारी श्री चौधरी ने कहा कि बाल श्रमिक पर किये गये वर्ष 2011 के सर्वे में से बात खुल कर सामने आयी कि बाल श्रमिकों की सबसे ज्यादा संख्या बिहार के अररिया व सीतामढ़ी जिले में है. कम पैसे कमाने के लिए 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को उनके अभिभावक होटलों व खतरनाक उद्योगों में डाल देते हैं, जहां बच्चों के अंदर विसंगतियां पैदा हो जाती हैं. थोड़े पैसे का लोभ उनके भविष्य के लिए घातक बन जाता है. खतरनाक उद्योगों के विषय में संक्षेप में जानकारी देते हुए श्रम परिवर्तन पदाधिकारी ने बताया कि सीमेंट, दिया-सलाई, ईंट भट्ठा, होटल आदि उद्योग खतरनाक उद्योगों में आता है. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपने बच्चों के जन्म के बाद यह ध्यान देता है कि वह बीमार नहीं हो. ऐसे में केवल चंद रुपये के स्वार्थ के लिए बुराई के दल दल में धकेलने के लिए कैसे राजी हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा दिला कर कुछ तकनीकी ज्ञान दिला दिया जाय तो वे किसी अच्छे जॉब में जा कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं. बाल श्रम अधिनियम श्रम अधीक्षक आलोक रंजन ने कहा कि इस अधिनियम द्वारा 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम कराना गैर कानूनी घोषित किया गया है. दोषी के विरुद्ध अर्थदंड व कारावास दंड का प्रावधान किया गया है. आम जन से प्राप्त शिकायतों व धावा दल के माध्यम से दर्ज की गयी शिकायत पर श्रम विभाग बल श्रम के लिए दोषी नियोजकों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करेगी. न्यूनतम मजदूरी अधिनियमउपस्थित पदाधिकारियों ने कहा प्रशिक्षण के क्रम में कहा कि श्रम संसाधन विभाग विभिन्न नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों को उनके परिश्रम के बदले उचित मजदूरी भुगतान करेंगे. मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भुगतान कराने के उद्देश्य से प्रखंड स्तर से राज्य तक श्रम पदाधिकारी बहाल किये गये हैं. निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी भुगतान के मामले श्रमिक सीधे अपनी समस्याओं से संबंधित शिकायत पत्र, श्रम विभाग के स्थानीय पदाधिकारी को दे सकते हैं. जांचोपरांत श्रम विभाग के पदाधिकारी संबंधित नियोजकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करेगी. इस क्रम में श्रम अधीक्षक ने बताया कि एक अक्तूबर 15 से सरकार द्वारा विभिन्न अनुसूचित नियोजनों में विभिन्न कोटि के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी का दर निर्धारित किया गया है. इसके तहत अकुशल श्रमिक 197 रुपये, अर्ध कुशल श्रमिक को 206 रुपये, कुशल श्रमिक को 251 रुपये, अति कुशल श्रमिक को 306 रुपये प्रतिदिन जबकि पर्यवेक्षीय व लिपिक को 5664 रुपये प्रति माह दिया जायेगा. कृषि नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों के लिए कटनी कार्य को छोड़ कर प्रतिदिन 189 रुपये निर्धारित किया गया है. निबंधित ठिकेदार ही ले जा पायेंगे मजदूरराज्यों से बाहर जाने वाले मजदूरों को अंतरराज्यीय प्रवासी मजदूर की संज्ञा दी जाती है. मजदूरों को बाहर ले जाने के लिए संबंधित ठिकेदार को जिला श्रम कार्यालय में अपना निबंधन कराना होगा. साथ ही ले जाने वाले मजदूरों की सूची देनी होगी. मौके पर रंजन कुमार मिश्रा, विष्णु प्रसाद, अब्बास आलम के अलावा मजदूर उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें