अररिया : जैन श्वेतांबर तेरापंथ भवन में रविवार को आचार्य महाश्रमण जी का पांच दिनों का प्रवास व प्रवचन का दौर प्रारंभ हुआ. आचार्य महाश्रमण जी के आगमन को लेकर लोगों के द्वारा विगत पंद्रह दिनों से कार्यक्रम को भव्य बनाने की तैयारी चल रही थी.
रविवार को अहिंसा पद यात्रा के छठे दिन आचार्य महाश्रमण जी ने अपने प्रवचन के दौर में पहले चरण में संयमित जीवन पर प्रकाश डाला.संयम और परोपकार मनुष्य को शांति प्रदान करता है संयम पर दिये गये अपने प्रवचन में आचार्य महाश्रमण जी ने कहा कि संयम की साधना से जीवन में परम सुख की प्राप्ति होती है.
संयम ऐसा तत्व है कि जो परम सुख देने वाला है. जीवन में अगर संयम आ गया तो समझो सब कुछ आ गया. उन्होंने कहा कि जीयो और जीने दो,साधारण तौर पर जीवन कीड़े मकौड़े, पशु भी जीते हैं. इसलिए जीयो लेकिन संयम से, जीने दो सादगी और अहिंसा से. उनकी अहिंसा यात्रा लोगों के बीच सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के लिए है.
अगर ये तीनों प्रवृत्ति लोगों के अंदर आ गया तो समझो उनका जीवन सफल हो गया. मनुष्य को मिलने वाला धन अगर नैतिकता के साथ नहीं कमाई गई हो तो समझो वह धन बेकार है. जीवन को अशांत कर देगी. इसलिए संयम हो तो जीवन में शांति आ ही जाती है. परोपकार पर बोलते हुए आचार्य महाश्रमण जी ने कहा कि जो व्यक्ति स्वयं कष्ट सह कर भी दूसरों का कल्याण करने का कार्य करता है वह विशिष्ट शांति को प्राप्त कर सकता है.
जीवन में संयम हो तो आप एक धोती बिछा कर भी घोर निद्रा धारण कर शांति मय सुख को प्राप्त कर सकते हैं. अगर जीवन अशांत हो तो गद्देदार बिछावन की मुलायमता और रजाई की गरमी भी आपको चैन की नींद नहीं प्रदान कर पायेगी. विशिष्ट अतिथियों ने किया आचार्य का अभिनंदनआचार्य श्री महाश्रमण जी के प्रवचन कार्यक्रम की शुरुआत महावीर के प्रणय प्रार्थना के साथ आरंभ हुआ. इससे पूर्व प्रवचन कार्यक्रम का संचालन कर रहे मुनिश्री दिनेश कुमार ने उपस्थित श्रद्धालुओं को आचार्य महाश्रमण के अहिंसा यात्रा के संदर्भ में बताया.
कार्यक्रम के प्रारंभ होते ही अररिया विधायक आबिदुर्रहमान ने आचार्य महाश्रमण जी का अभिवादन किया व कहा कि हमारे गुरु अररिया पधारे हैं , हम उनका स्वागत करते हैं. गुरु महाश्रमण जी के विषय में जो भी कहा जाय वह कम होगा. उनके विषय में बोलना सूर्य को दिया दिखाने के बराबर होगा. सामाजिक कार्यकर्ता अजय झा ने भी आचार्य श्री महाश्रमण जी को शांति का अग्रदूत बताया व कहा कि उनके आगमन से अररिया की धरती पावन हो गई.
जबकि कार्यक्रम में आचार्य महाश्रमण जी के साथ मंचासीन साध्वी प्रमुखा कनक प्रभा जी ने आचार्य महाश्रमण जी के जीवन पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि अररिया वासियों के हर्ष व उल्लास की कोई सीमा नहीं है. भगवान महावीर के प्रतिनिधि आचार्य महाश्रमण जी के दर्शन मात्र से लोगों को कल्याण होता है. उनके आभा मंडल का दर्शन मनुष्य के पापों को हर लेता है.
आचार्य, गुरु के दर्शन मात्र से ही लोगों के अंदर धार्मिक आचरण का समावेश हो जाता है. उनके सभी अतीत से लेकर वर्तमान पाप धुल जाते हैं. धर्म की आराधना से जीवन पवित्र होता है जो कि आचार्य श्री महाश्रमण जी के यात्रा से सर्व विदित होता आ रहा है.
इस अवसर पर मुनि कमल कुमार, अमित नाहटा, उप मुख्य पार्षद गौतम साह, मांगीलाल जी घोषल, सरोज चोरडि़या, सभा अध्यक्ष सागर जी चिंडालिया ने किया. महिला मंडल और तेरापंथ युवक परिषद ने सामूहिक गीत प्रस्तुत किया.