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फाईल 7, अररिया की खबरें. बुद्धिजीवियों की बैठक में लिया गया सद्भावना मंच के गठन का निर्णय, कहातमाशबीन बने रहने से समस्याएं नहीं होंगी हलसामाजिक विकास के लिए मुहब्बत व शांति जरूरीयकजहती रहेगी तभी होगी तरक्कीहंसराज प्रासाद संरक्षक व मो मोहसिन बने संयोजकफोटो-9- बैठक में उपस्थित शहर के बुद्धिजीवी प्रतिनिधि, अररियारविवार छह दिसंबर को जिले […]

फाईल 7, अररिया की खबरें. बुद्धिजीवियों की बैठक में लिया गया सद्भावना मंच के गठन का निर्णय, कहातमाशबीन बने रहने से समस्याएं नहीं होंगी हलसामाजिक विकास के लिए मुहब्बत व शांति जरूरीयकजहती रहेगी तभी होगी तरक्कीहंसराज प्रासाद संरक्षक व मो मोहसिन बने संयोजकफोटो-9- बैठक में उपस्थित शहर के बुद्धिजीवी प्रतिनिधि, अररियारविवार छह दिसंबर को जिले के बुद्धिजीवियों ने एक सकारात्मक पहल करते हुए सद्भावना मंच के गठन का निर्णय लिया. इस अवसर पर अररिया नप के पूर्व चेयरमैन अधिवक्ता हंसराज प्रसाद की अध्यक्षता में सर सैयद लाइब्रेरी में हुई बैठक में बुद्धिजीवियों ने जहां अररिया की मिट्टी को नायाब बताते हुए कहा कि सद्भावना जिले की विरासत है. वहीं मिल जुल कर आपसी भाईचारा के साथ जिले को आगे बढ़ाने का संकल्प भी लिया. विषय प्रवेश करते हुए जमाते इसलामी के वरीय सदस्य मो मोहसिन ने बुराई व नफरत से पाक समाज बनाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इश्वर ने इंसानों को दुनिया में अच्छे काम करने के लिए भेजा है. इबादत का मतलब इश्वर के आदेशों का पालन है. सभी इंसान आदम की औलाद हैं. जाति, बिरादरी केवल परिचय के लिए हैं. मिल जुल कर समाज को आदर्श बनाना होगा. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के लोगों को मिला कर साझा मंच बनाना जरूरी है. ताकि इसी मंच के बैनर तले होली मिलन व ईद मिलन जैसे सामाजिक सद्भाव के कार्यक्रम आयोजित किये जा सकें.जबकि अधिवक्ता श्याम लाल यादव ने कहा कि मनुष्य सर्वश्रेष्ठ प्राणी है. सबका ईश्वर एक है. केवल भौगोलिक व भाषाई अंतर है. बुनियादी तत्वों में अंतर नहीं है. आपसी सद्भावना को सशक्त करने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए सदाचारियों को आगे आना होगा. वहीं सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी सैयद परवेज आलम ने हमें व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठ कर दूसरों की भी फिक्र करनी होगी. धर्म के सामाजिक पहलू पर ध्यान देना होगा.वहीं वरिष्ठ पत्रकार डॉ एनके दास ने कहा कि यकजहती रहेगी तभी जिला व देश आगे बढ़ेगा. तंग नजरी से काम नहीं चलेगा. जिले को सद्भावना विरासत में मिली है. इसे और मजबूत करने के लिए सद्भावना मंच जैसे प्लेटफार्म की जरूरत है. वहीं अधिवक्ता एलपी नायक ने कहा कि पूरी व्यवस्था पटरी पर से उतर गयी है. मानवीय संवेदनाएं तार-तार हो चुकी हैं. ऐसे में महज तमाशबीन बने रहने से काम नहीं चलेगा. बैठक के दौरान वक्ताओं ने सद्भावना मंच के गठन के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए तत्काल हंसराज प्रसाद को संरक्षक व मो मोहसिन को संयोजक चुना. वहीं शिक्षा संहित कुछ अन्य क्षेत्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए एजेंडा तैयार करने का निर्णय लिया. इस अवसर पर पूर्व विधायक विनोद कुमार राय, इंजीनियर जुबैर आलम, लक्ष्मी मेहता, सैयद शमीम अनवर, मुफ्ती अलीमुद्दीन, मास्टर मो रईस, अधिवक्ता मो ताहा,सरवर आलम, परवेज आलम, हाजी रजी अहमद व अजहरूल हक सहित अन्य लोगों ने अपने विचार रखे. वहीं अधिवक्ता ठाकुर शंकर आजाद, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र मिश्रा, शम्स आजम, प्रो अनिल मिश्रा, सुशील श्रीवास्तव, सत्यवान मेहता, जफरूल हसन, ब्रह्मदेव झा व जाहिद अनवर सहित अन्य लोग मौजूद थे.

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