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10 सालों में भी नहीं बने वद्यिालयों के भवन

10 सालों में भी नहीं बने विद्यालयों के भवनसमीक्षा बैठक में हुआ खुलासाछह विद्यालयों के दोषी प्रधानों व सचिवों पर प्राथमिकी का निर्देशअधिक गड़बड़ी वाले 26 विद्यालयों की की डीडीसी ने की विशेष समीक्षा31 दिसंबर तक भवन निर्माण पूरा करने का सख्त निर्देशफोटो-11-भवन निर्माण की समीक्षा करते डीडीसी व डीपीओ.प्रतिनिधि, अररियाराशि निकासी के बावजूद सरकारी […]

10 सालों में भी नहीं बने विद्यालयों के भवनसमीक्षा बैठक में हुआ खुलासाछह विद्यालयों के दोषी प्रधानों व सचिवों पर प्राथमिकी का निर्देशअधिक गड़बड़ी वाले 26 विद्यालयों की की डीडीसी ने की विशेष समीक्षा31 दिसंबर तक भवन निर्माण पूरा करने का सख्त निर्देशफोटो-11-भवन निर्माण की समीक्षा करते डीडीसी व डीपीओ.प्रतिनिधि, अररियाराशि निकासी के बावजूद सरकारी विद्यालयों के भवन निर्माण में बरती जा रही लापरवाही को लेकर जिला प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. बात दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने तक पहुंचे वाली है. लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में सैकड़ों विद्यालय ऐसे हैं जिनका भवन व वर्ग कक्ष राशि निकासी के 10 सालों बाद भी तैयार नहीं हो पाया है. ऐसा खुलासा सोमवार को डीडीसी की अध्यक्षता में हुई समीक्षात्मक बैठक में हुआ.डीआरडीए सभा भवन में हुई बैठक व जिला शिक्षा विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक जिले में बहुत सारे विद्यालय ऐसे हैं, जिनके प्रधान ने वर्ष 2006-07 में ही विद्यालय भवन निर्माण की राशि की निकासी कर ली. पर अब भी भवन अपूर्ण है. अन्य विद्यालयों में बाद के सालों में राशि दी गयी. बताया गया कि ऐसे विद्यालयों की संख्या सैकड़ों में है जिनका भवन निर्माण अब भी अधूरा है. बताया गया कि सोमवार की बैठक में ही कुल ऐसे 109 विद्यालयों के प्रधानाध्यापक मौजूद थे जहां भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है.जानकारी के अनुसार समीक्षा के क्रम में स्थिति पर नाराजगी जताते हुए डीडीसी अरशद अजीज ने जहां 31 दिसंबर तक निर्माण कार्य पूरा करने का सख्त निर्देश दिया है. वहीं अधिक गड़बड़ी वाले छह मामलों में प्रधान व विद्यालय शिक्षा समिति के सचिवों पर प्राथमिकी दर्ज करने का भी निर्देश दिया गया. शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूची के अनुसार जिन छह विद्यालयों के प्रधानों के खिलाफ प्राथमिकी का निर्देश दिया गया है उन्हें वर्ष 2006-07 में कुल मिला कर लगभग 40 लाख की लागत से भवन या अतिरिक्त वर्ग कक्ष बनना था. अग्रिम के रूप में लगभग 36 लाख रुपये दिये जा चुके हैं. इसके बावजूद भवन निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. जिन विद्यालयों में भवन निर्माण में लापरवाही को लेकर प्राथमिकी दर्ज हो सकती है, उनमें भरगामा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय यशोदापट्टी व प्राथमिक विद्यालय दोमुहा घाट शामिल हैं. अन्य विद्यालयों में कुर्साकांटा का प्राथमिक विद्यालय गोढ़ी टोला, चिकनी, मिलकी टोला व शंभु मुखिया टोला प्राथमिक विद्यालय के अलावा फारबिसगंज प्रखंड का प्राथमिक विद्यालय हरिजन टोला, बरदाहा शामिल है. इस संबंध में पूछने पर डीडीसी अरशद अजीज ने बताया कि लगभग 257 विद्यालयों मेंं मामला गड़बड़ है. 26 विद्यालयों में अधिक गड़बड़ी मिली. फिलहाल छह पर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा गया है. ये संख्या बढ़ भी सकती है. उन्होंने कहा कि अन्य को 31 दिसंबर तक भवन निर्माण का काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है.बैठक में डीपीओ अब्दुर्रज्जाक व मनोज कुमार के अलावा तीनों बीइइओ, शिक्षा विभाग के सहायक व कनीय अभियंता भी मौजूद थे.

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