दिघलबैंक पीएचसी में सर्प दंश की दवा उपलब्ध रहने के बाद भी एसएसबी जवान की गयी जान -दिघलबैंक पीएचसी में तैनात चिकित्सकों की लापरवाही पर उठ रहे कई सवाल- दिघलबैंक पीएचसी बना रेफर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र -दोषी चिकित्सकों के खिलाफ होगी कार्रवाई : सीएस प्रतिनिधि दिघलबैंक स्थानीय पीएचसी की लापरवाही की वजह से देश के एक जांबाज सिपाही की मौत हो गयी. जिले के दिघलबैंक पीएचसी में तैनात कथित चिकित्सक के द्वारा बरती गयी लापरवाही के कारण एक एसएसबी जवान को अकाल ही काल की गाल में समा गये. शनिवार संध्या भारत नेपाल सीमा की सुरक्षा के लिए दिघलबैंक बीओपी में तैनात एसएसबी 12वीं वाहिनी जवान भास्कर क्षेत्री 32 वर्ष पिता स्व रमेश कुमार क्षेत्री, माटीगाड़ा, दार्जिलिंग निवासी के ड्यूटी के दौरान सर्पदंश का शिकार हो जाने के बाद जब साथी जवानों ने उन्हें इलाज हेतु दिघलबैंक पीएचसी में भर्ती कराया तो दिघलबैंक पीएचसी में सर्पदंश की दवा उपलब्ध होने के बावजूद भी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने मात्र टेटभैक का इंजेक्शन देकर उन्हें सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. परंतु दिघलबैंक व किशनगंज के बीच लगभग 55 किमी का फासला होने व सड़क के खास्ता हाल होने के कारण जवान को सदर अस्पताल तक लाने में 1 घंटा से भी अधिक समय लग गया. नतीजतन इलाज के अभाव में भास्कर ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया. इधर सदर अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा जांचोपरांत भास्कर को मृत घोषित किये जाते ही साथी जवानों के बीच हाहाकार मच गया. इस मौके पर साथी जवानों ने कहा कि दिघलबैंक पीएचसी में सर्पदंश की दवा उपलब्ध होने के बावजूद चिकित्सक ने भास्कर का इलाज प्रारंभ करना तक मुनासिब नहीं समझा. उन्होंने कहा कि शनिवार संध्या 6.50 बजे में भास्कर के सर्पदंश का शिकार होते ही जख्म के स्थान को रस्सी के सहारे मजबूती से बांध दिया गया था तथा 7.10 बजे उसे पीएचसी में भर्ती करा दिया गया था. इसके बावजूद पीएचसी में तैनात चिकित्सक ने मात्र टेट वैक का इंजेक्शन देकर उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया था. क्या कहते हैं पीएचसी प्रभारीइस संबंध में पूछे जाने पर दिघलबैंक पीएचसी प्रभारी डा एनामुल हक ने बताया कि शनिवार संध्या वे जरूरी कार्य से किशनगंज आ गये थे तथा डा रविंद्र कुमार घटना के वक्त ड्यूटी पर तैनात थे. हालांकि उन्होंने कहा कि दिघलबैंक पीएचसी में सर्पदंश का दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. इसके बावजूद डा रविंद्र द्वारा मरीज को इलाज किये बिना ही सदर रेफर कर दिया जाना समझ से परे है. क्या कहते हैं चिकित्सकवहीं इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिकित्सक रवींद्र कुमार ने कहा कि मरीज की स्थिति व एसएसबी जवानों की भीड़ को देख वे काफी डर गये थे. इसलिए कोई जोखिम न उठाते हुए मरीज को सदर अस्पताल रेफर कर दिया था. क्या कहते हैं सिविल सर्जनइस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन परशुराम ने चिकित्सक द्वारा बरती गयी लापरवाही को जघन्य अपराध मानते हुए कहा कि वे स्वयं मामले की जांच करेंगे तथा दोषी पाये जाने पर चिकित्सक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे.
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दिघलबैंक पीएचसी में सर्प दंश की दवा उपलब्ध रहने के बाद भी एसएसबी जवान की गयी जान
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