अररिया : मंगलवार को जन-जागरण शक्ति संगठन ने अपने कार्यालय परिसर में गांव-गांव की दीवार अखबार निकाला. इसका मार्गदर्शन पत्रकार नासिरउद्दीन ने किया. दरअसल यह अखबार गांव के विकास की तसवीर दिखाता है. इसमें संगठन से जुड़े युवक-युवतियों ने ठेठी भाषा का प्रयोग किया है. स्कूल में बच्चे हैं. टीचर भी हैं पर पढ़ाई नहीं […]
अररिया : मंगलवार को जन-जागरण शक्ति संगठन ने अपने कार्यालय परिसर में गांव-गांव की दीवार अखबार निकाला. इसका मार्गदर्शन पत्रकार नासिरउद्दीन ने किया.
दरअसल यह अखबार गांव के विकास की तसवीर दिखाता है. इसमें संगठन से जुड़े युवक-युवतियों ने ठेठी भाषा का प्रयोग किया है. स्कूल में बच्चे हैं. टीचर भी हैं पर पढ़ाई नहीं होती. लड़कियों के साथ गांव में आज भी भेद भाव बरकरार है.
पहचान पत्र बनबै में गरीब से पैसा लैय छैय. पेरवाखोड़ी, उफरैल, रामपुर चौक, जमुनिया से आये युवक-युवतियों ने लिखा है कि गांव में शौचालय का अभाव है. ठेठी भाषा में दीवार अखबार निकालने को ले बताया गया कि गांव के लोग ठेठी बोलते हैं.
इसलिए ठेठी में अखबार निकाला. संस्था की कामायनी स्वामी व आशिष ने बताया कि पिछले चार महीने के प्रयास का यह प्रतिफल है. वे युवक-युवतियां गांव के हालात, पढ़ाई व इलाज आदि का जायजा ले उसे शब्दों में पिरोया है. बताया गया कि जयमंती, विजय, डॉली, चांदनी, सीता, सोनिया, विजय, मुन्ना, सत्यभामा, उज्ज्वल ने यह अखबार निकाला है.