बांग्लादेश का बेना पुल बॉर्डर घुसपैठियों के लिए सुगम रास्तासीमा पार कराने वाला रैकेट है सक्रिय गिरफ्तार बांग्लादेशी मो सुकुर अलि ने किया खुलासाप्रतिनिधि, अररियागिरफ्तार बंग्लादेशी नागरिक मो सुकुर अलि ने बांग्लादेश के पश्चिम बंगाल के बेना पुल बॉर्डर से भारतीय भू-भाग में प्रवेश किया था. बॉर्डर पार कराने में सहयोगी बच्चू विश्वास, तनाई व कविराज भारतीय हैं. चंद रुपये के लालच में बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पार कराने व तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में रोजगार दिलाने तक के लिए गिरोह काम करता है. इसका खुलासा गिरफ्तार सुकुर अलि ने किया. उसने बताया कि बहुत सारे बांग्लादेशी भारत के विभिन्न महानगरों में काम करते हैं. उसका आना-जाना लगा रहता है. बांग्लादेश बॉर्डर पार कर भारत आने व यहां से वापस जाना चंद रुपये खर्च कर हो जाता है. इसके लिए बॉर्डर के आसपास बिचौलिया कार्यरत है. उसके सहयोग से व्यवस्था हो जाती है. हालांकि सुकुर अलि ने बताया कि वह पहली बार भारत आया था. फरार रहीम के फुफेरे भाई सुकुर ने कहा कि उसका ममेरा भाई खोखन भी साथ ही बॉर्डर पार किया था. उसने बताया कि सभी टेलर मास्टर का काम करते थे. विदेश जाकर अत्यधिक पैसा कमाने की नीयत से अकबर के माध्यम से रहीम ने पासपोर्ट बनाया था. इसमें फारबिसगंज के चौरा परवाहा का पता दिया था. उसने बताया कि वह भारत में कमाई कर बांग्लादेश में रह रहे परिजनों को पैसा भेजता था. रुपये भेजने में भी बॉर्डर पर काम कर रहे गिरोह के लोग ही सहयोग करते थं. बांग्लादेश का दो मोबाइल सीम बरामद होने से यह बात भी सामने आयी कि निश्चय ही उस सीम का उपयोग अपने परिजनों से बात करने में करता होगा.
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चंद रुपये खर्च कर हो जाते हंै सीमा पार
बांग्लादेश का बेना पुल बॉर्डर घुसपैठियों के लिए सुगम रास्तासीमा पार कराने वाला रैकेट है सक्रिय गिरफ्तार बांग्लादेशी मो सुकुर अलि ने किया खुलासाप्रतिनिधि, अररियागिरफ्तार बंग्लादेशी नागरिक मो सुकुर अलि ने बांग्लादेश के पश्चिम बंगाल के बेना पुल बॉर्डर से भारतीय भू-भाग में प्रवेश किया था. बॉर्डर पार कराने में सहयोगी बच्चू विश्वास, तनाई व […]
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