अररिया : अररिया कॉलेज में चल रहे स्नातक प्रथम खंड की परीक्षा के दौरान बाल श्रमिकों से काम लेने की सूचना पर बुधवार को श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ने छापेमारी की. इसमें सात बच्चे (सभी सात आठ साल के) पकड़े गये.
जानकारी अनुसार अररिया कॉलेज में स्नातक प्रथम खंड की परीक्षा चल रही है. परीक्षार्थियों को पानी पिलाने के लिए स्थानीय बच्चों को न्यूनतम मजदूरी मिलती थी. इसकी सूचना मिलने पर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ने छापेमारी कर मौके पर से सात बच्चों को पकड़ लिया. इस कार्रवाई से कॉलेज परिसर में हलचल मच गयी. बच्चों ने बताया कि उन्हें 20 रुपये प्रति पाली के हिसाब से मजदूरी दी जाती थी. वेलोग जयप्रकाश नगर स्थित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं.
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी कौशल कुमार रश्मि ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि केंद्राधीक्षक बाल श्रमिकों से काम ले रहे हैं. उच्चधिकारियों को इसकी सूचना दी गयी. उनसे निर्देश मिलने के बाद कार्रवाई की गयी है. दोषी के विरुद्ध श्रम कानून के तहत कार्रवाई की जायेगी.
* कॉलेज प्राचार्य की सफाई
प्राचार्य मो कमाल ने कहा कि बच्चों से पानी पिलाने का काम नहीं लिया जा रहा था. ये सभी कॉलेज के करीब रहने वालों के बच्चे हैं. खेल-कूद करने परिसर में आ गये थे. किसी परीक्षार्थी ने पानी मांगा होगा, तो बच्चों ने पिला दिया होगा. उन्होंने कहा कि बच्चों से जब काम ही नहीं लिया जाता है तो न्यूनतम मजदूरी देने का सवाल ही कहां उठता है? किसी ने साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है.
कार्रवाई में टीप इंडिया के जिला समन्वयक साकेत श्रीवास्तव व सहायक जिला समन्वयक संजय श्रीवास्तव भी शामिल थे.
* श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ने छापेमारी के दौरान सात बच्चों को पानी पिलाते देखा
* 20 रुपये प्रति पाली मिलती थी बाल मजदूरों को मजदूरी
– ये बच्चे पिला रहे थे पानी
संजय ऋषिदेव, अनिल कुमार, रवि कुमार, संजीत कुमार, मिट्ठ कुमार, अमर कुमार, शिवेंद्र कुमार.