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टेंडर की गयी योजनाएं अगर उतरी जमीं पर, तो बदला-बदला नजर आयेगा शहर

अररिया : विगत पांच माह से नगर परिषद में विकास कार्यों की प्रतीक्षा में नगरवासियों की आंखें पथरा गयी हैं. इस बीच बाढ़ ने भी अपनी झलक नगर में दिखा दी. लगभग 11 वार्डों में पानी घुसा व नगर को बुरी तरह से प्रभावित करके रख दिया. 2017 के बाद शहरवासी फिर से डरे व […]

अररिया : विगत पांच माह से नगर परिषद में विकास कार्यों की प्रतीक्षा में नगरवासियों की आंखें पथरा गयी हैं. इस बीच बाढ़ ने भी अपनी झलक नगर में दिखा दी. लगभग 11 वार्डों में पानी घुसा व नगर को बुरी तरह से प्रभावित करके रख दिया. 2017 के बाद शहरवासी फिर से डरे व सहमे नजर आये. जिस काम के लिए शहरवासियों ने पार्षदों को चुनकर नप बोर्ड में भेजा, वे इस दौरान अविश्वास के खेल में व्यस्त दिखे.

जिनके विरुद्ध भी अविश्वास लाया गया, चाहे वह मुख्य पार्षद हो या उप मुख्य पार्षद सभी अपने -अपने पदों पर दोबारा विश्वास मत हासिल कर आसीन रहे. ऐसे में नगरवासियों के पल्ले सिर्फ परेशानियां व अन्य समस्याएं ही आयीं. लोकसभा उपचुनाव, विधानसभा उपचुनाव, नप के वार्ड संख्या 4 के पार्षद के निधन के बाद हुए उपचुनाव के आदर्श आचार संहिता ने ऐसे ही विकास कार्यों को ठप कर दिया था.
उस पर आठ जून से 25 जुलाई तक मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद के विरुद्ध लाये गये अविश्वास में एक बार फिर से विकास कार्यों को बिल्कुल ही ठप कर दिया. काफी लंबे अरसे बाद आवास योजना के लाभुकों के खाते में राशि का हस्तांतरण शुरू हुआ था, लेकिन वह भी अविश्वास प्रस्ताव की भेंट चढ़ता दिखा.
यही नहीं लोकसभा चुनाव के 90 दिनों के आदर्श आचार संहिता के बाद आठ जून को नप बोर्ड की अहम बैठक बजट को लेकर की गयी थी. जिसमें एक अरब से ऊपर की राशि शहर के विकास व जनकल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने की योजना बनी.
वह सारे दो माह के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कोरे आश्वासन ही बनकर रह गये. इस बीच 13 जुलाई को एक बार फिर बाढ़ ने शहर में दस्तक दी, जिन-जिन वार्डों में पानी घुसा वहां से जल्दी जल की निकासी नहीं हो पायी.
उस वक्त लोगों को नप बोर्ड के द्वारा दिखाये गये ड्रैनेज निर्माण के सब्जबाग याद आये. इससे पूर्व साढ़े सात करोड़ व 11.68 करोड़ की ली गयी सड़क व नाले की योजना भी हवा-हवाई ही नजर आयी. शहर की अहम जरूरत जल निकासी है. जो हर बार बाढ़ में शहरवासियों को पीड़ा देती है. अब देखना लाजिमी होगा कि अविश्वास की कहानी खत्म हो चुकी है. अब जिम्मेदार पार्षद अपने वार्ड की समस्याओं के निदान में कितनी दिलचस्पी लेते हैं.
एक सप्ताह में पूरी कर ली जायेगी एकरारनामा व कार्यादेश की प्रक्रिया
यह सच है कि विगत पांच माह से विकास कार्य बाधित रहे हैं. इसके कई कारण हैं, लेकिन कम समय में ही लगभग साढ़े सात करोड़ की व 11.68 करोड़ की योजनाओं का टेंडर किया गया है, जो अभी सीएस की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है.
अगले सप्ताह एकरारनामा व कार्यादेश की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेंगी. जल्द ही विकास की ये योजनाएं जमीन पर उतरती दिखेंगी. आवास योजना के लाभुकों के भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू किये जाने का निर्देश कार्यपालक पदाधिकारी को दिया गया है. वहीं चतुर्थ फेज के लाभुकों के लिए खुशखबरी यह है कि उनकी भी स्वीकृति विभाग से मिल गयी है.
रीतेश कुमार राय, मुख्य पार्षद
अविश्वास के बाद स्टैंडिंग कमेटी में हो सकता है बदलाव
अररिया. मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद पर अविश्वास की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद दोनों ही पाले में बेचैनी बढ़ी हुई है. सूत्रों की मानें तो नप के पूर्व के बनायी गयी स्टैंडिंग कमेटी के बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. संभवत: बुधवार को इस विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है.
बता दें कि स्टैंडिंग कमेटी में वार्ड संख्या 7, 5, 27 के अलावे उप मुख्य पार्षद व मुख्य पार्षद इसके पदेन सदस्य थे. दोनों पदेन सदस्य इसका हिस्सा रह सकते हैं. लेकिन अन्य तीन सदस्यों में बदलाव के संकेत नजर आ रहे हैं.

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