अररिया : सरकारी आंकड़ों की मानें शहर वासियों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पीएचईडी द्वारा 25 करोड़ से अधिक राशि खर्च किये जा चुके हैं. इसके अलावा नगर प्रशासन द्वारा गली नली योजना के नाम पर करोड़ की राशि खर्च हो चुकी है. इसके बावजूद इस भीषण गर्मी में गला तर करने के लिए लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिये तरसना पड़ रहा है.
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भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए कहीं एक सार्वजनिक पियाऊ तक नहीं
अररिया : सरकारी आंकड़ों की मानें शहर वासियों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पीएचईडी द्वारा 25 करोड़ से अधिक राशि खर्च किये जा चुके हैं. इसके अलावा नगर प्रशासन द्वारा गली नली योजना के नाम पर करोड़ की राशि खर्च हो चुकी है. इसके बावजूद इस भीषण गर्मी में गला तर […]
भीड़ भाड़ वाले जगह व मुख्य चौक-चौराहों पर अपनी प्यास बुझाने के लिए लोगों की निर्भरता वहां के होटल व अन्य दुकानों पर बनी रहती है. प्यास बुझाने के क्रम में कभी-कभी लोगों को इन दुकानदारों के नाराजगी भी झेलनी पड़ती है. लेकिन भीषण गर्मी व चिलचिलाती धूप में सूख चुके अपने हलक की प्यास को बुझाने के लिए लोग ऐसा करने के लिए मजबूर हैं.
75 हजार की है नगर परिषद क्षेत्र की आबादी: जानकारी अनुसार नगर परिषद क्षेत्र की आबादी 75 हजार के करीब है. इसके अलावा जिले भर के लोग हर रोज अपने अलग-अलग काम से जिला मुख्यालय पहुंचते हैं. कोर्ट कचहरी के काम, गंभीर बीमारी के इलाज सहित जरूरी सामानों की खरीदारी के क्रम में लगभग 20 से 25 हजार लोग हर दिन जिला मुख्यालय पहुंचते हैं.
यहां पहुंचने के साथ ही पेयजल की समस्या से उन्हें दो चार होना पड़ता है. आर्थिक रूप से मजबूत लोग तो बोतल बंद पानी खरीद कर किसी तरहह अपनी प्यास को बुझाने में कामयाब हो जाते हैं. लेकिन गरीब-मजदूर किस्म के लोगों के लिए बोतल बंद पानी खरीद कर प्यास बुझाना बेहद मुश्किल होता है. लिहाजा अपनी प्यास बुझाने के लिए उन्हें इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
राहगीरों को खल रही पियाऊ की कमी
शहर के भीड़-भाड़ वाले ठिकाने व मुख्य चौक-चौराहों पर इस भीषण गर्मी के मौसम में स्वच्छ पेयजल के सार्वजनिक इंतजाम की कमी लोगों को खल रही है. तो प्रशासनिक महकमा स्वच्छ पेयजल पर करोड़ों की राशि खर्च करने के अपने दावे पर इतरा रही है. शहर के चांदनी चौक, बस स्टैंड, जीरो माइल, काली मंदिर चौक, रानीगंज बस स्टैंड सहित अन्य जगहों अपनी हलक की प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकते लोगों को देख कर उनकी परेशानी का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. लेकिन लोगों को हो रही इस समस्या के प्रति प्रशानिक अधिकारियों को रवैया उदासीन बना हुआ है. लिहाजा चिलचिलाती धूप, उमस भरी भीषण गर्मी के इन दिनों में लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए बूंद-बूंद पानी के लिए मोताज बने हुए हैं.
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