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सदर अस्पताल में हंगामा व तोड़-फोड़ चार घंटे तक बाधित रही स्वास्थ्य सेवा

अररिया : लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए बनाये गये सदर अस्पताल में रविवार को चार घंटे तक स्वास्थ्य सेवा बाधित रही. सदर अस्पताल में रविवार की सुबह जच्चा-बच्चा की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. हंगामे के बाद अपनी जान बचाते हुए चिकित्सक, वाहन सुरक्षा के स्वास्थ्यकर्मी भी मौके से […]

अररिया : लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए बनाये गये सदर अस्पताल में रविवार को चार घंटे तक स्वास्थ्य सेवा बाधित रही. सदर अस्पताल में रविवार की सुबह जच्चा-बच्चा की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया.
हंगामे के बाद अपनी जान बचाते हुए चिकित्सक, वाहन सुरक्षा के स्वास्थ्यकर्मी भी मौके से फरार हो गये. हालांकि प्रशासन की ओर से कड़ी मशक्कत के बाद मामले को शांत कराया गया. जब तक मामला शांत होता इस बीच लगभग चार घंटे तक सदर अस्पताल बाधित रहा.
सदर अस्पताल बाधित रहने से खासकर कई आपातकाल मरीजों को काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ा. बताया जाता है कि इस बीच कई आपातकाल मरीज सदर अस्पताल में आये. मरीजों को बिना इलाज कराये ही लौटना पड़ा. जबकि मरीजों को निजी अस्पताल का भी सहारा लेना पड़ा.
हंगामे के सामने बौना साबित हुआ प्रशासन
सदर अस्पताल में जच्चा-बच्चा दोनों की मौत होने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा व तोड़-फोड़ की. इसके बाद मौके पर कई प्रशासन भी पहुंचा, लेकिन आक्रोशित परिजनों को समझाने में परिजन प्रशासन नाकाम रहा.
जबकि सदर अस्पताल में भी ड्यूटी पर कई सुरक्षाकर्मी लगाये गये थे. लेकिन किसी भी सुरक्षा कर्मी की हिम्मत नहीं थी कि सदर अस्पताल में हो रहे हंगामे व तोड़-फोड़ का सामना करता और मामले को शांत कराता.
रविवार सुबह तीन बजे प्रसव के लिए भरती हुई थी उजाला
जानकारी के अनुसार बुआरीबाद निवासी मो जिसवान की 24 वर्षीया पत्नी बीवी उजाला परवीन सदर अस्पताल में रविवार की सुबह तीन बजे प्रसव के लिए भरती हुई थी. इस बीच महिला प्रसव के लिए कराह रही थी.
इधर, सदर अस्पताल के कर्मियों की ओर से प्रसूता के परिजनों से प्रसव के कराने के नाम पर 05 हजार रुपये नजराना मांगे जाने की बात भी सामने आयी है. हालांकि परिजनों ने रुपये देने का आश्वासन दिया. इसके बाद महिला का प्रसव कराया गया. प्रसव के बाद महिला को एक बेड पर सुला दिया गया.
वहीं प्रसव के बाद नवजात की स्थित बिगड़ गयी. उसके परिजन नवजात को आइसीयू में भरती कराने गये, लेकिन आइसीयू बंद पायी गयी. फिर बच्चे को लेकर कई स्थानीय चिकित्सकों के पास गये. लेकिन बच्चे को भरती नहीं किया जा सका. जन्म के लगभग दो घंटे बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया.
परिजनों ने लगाया आरोप प्रसूता को धक्का देकर बेड से गिराया गया इससे पूर्व महिला अचानक बेड से नीचे गिर गयी. महिला को गंभीर चोट आयी, जिससे उसकी मौत हो गयी. हालांकि प्रसूता के परिजनों की मानें तो उसे बेड से धक्का देकर गिराया गया था.
हालांकि कुछ देर के बाद ही आइसीयू में भरती नवजात की भी मौत हो गयी. मौत के बाद मृतक के परिजनों ने सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड के कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया. हंगामा के बाद करते हुए परिजनों ने सदर अस्पताल में तोड़-फोड़ भी की.
इस बीच सदर अस्पताल में चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी मौके से फरार हो गये. परिजनों का आरोप था कि हमलोगों से प्रसव वार्ड में नजराने की मांग की गयी थी. प्रसव के बाद नजराना देने की बात हुई थी.
इस कारण स्वास्थ्यकर्मियों ने महिला की ठीक से देखभाल नहीं की, जिस कारण जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गयी. अस्पताल में हंगामे की खबर सुनकर उप मुख्य पार्षद पति मो इम्तियाज आलम व सामाजिक कार्यकर्ता तनवीर वहां पहुंचे और माहौल को शांत कराया.
साथ ही अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश भी व्यक्त किया. सूचना पर पहुंचे एसडीओ रोजी कुमारी, एसडीपीओ केडी सिंह पहुंचे व पीड़ित परिजनों को इंसाफ का आश्वासन दिया. तब जाकर मामला को शांत कराया गया. प्रसुता के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया.

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