नौ अगस्त 2017 ही हाइकोर्ट ने मार्केटिंग कॉम्पलेक्स को तोड़े जाने का आदेश दिया था. उसके बाद नगर परिषद की सशक्त स्थायी कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. तत्कालीन मुख्य पार्षद, विधायक व तत्कालीन डीएम ने किया था मार्केटिंग कॉम्पलेक्स का शिलान्यास.
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नप ने दायर की थी अपील, सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश पर लगायी रोक
नौ अगस्त 2017 ही हाइकोर्ट ने मार्केटिंग कॉम्पलेक्स को तोड़े जाने का आदेश दिया था. उसके बाद नगर परिषद की सशक्त स्थायी कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. तत्कालीन मुख्य पार्षद, विधायक व तत्कालीन डीएम ने किया था मार्केटिंग कॉम्पलेक्स का शिलान्यास. अररिया : नगर परिषद द्वारा पीडब्ल्यूडी की जमीन पर सदर […]
अररिया : नगर परिषद द्वारा पीडब्ल्यूडी की जमीन पर सदर अस्पताल के समीप बनाये गये 70 कमरे वाले दोमंजिला अर्द्धनिर्मित मार्केटिंग कॉम्पलेक्स के तोड़े जाने के हाइकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगा दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश में कहा गया है कि अगले आदेश तक मार्केटिंग कॉम्पलेक्स को तोड़े जाने के हाइकोर्ट के फैसले पर रोक लगायी जाती है. ज्ञात हो कि विपक्षी प्रतिवादियों की अपील पर सुनवाई के दौरान 09 अगस्त 2017 को ही उक्त मार्केटिंग कॉम्पलेक्स को तोड़े जाने का आदेश हािकोर्ट द्वारा दिया गया था. इसके बाद नगर परिषद की सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों ने नप के खर्चे पर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी.
वर्ष 2007 में ही हुआ था मार्केटिंग कॉम्पलेक्स का शिलान्यास
जानकारी अनुसार नप द्वारा लगभग 95 लाख के प्राक्कलन से सदर अस्पताल के समीप वर्ष 2007 में तत्कालीन मुख्य पार्षद, विधायक व तत्कालीन डीएम द्वारा उक्त स्थल पर मार्केटिंग कॉम्पलेक्स निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया था. वर्ष 2010 में 70 कमरे के दोमंजिला मार्केटिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण का ढलाई कार्य संपन्न हो चुका है. कुछ दुकानों में शटर भी लगाये जा चुके हैं. 24 अक्तूबर 2010 को दुकान आवंटित कराये जाने को लेकर लगभग 1033 लोगों द्वारा आवेदन दिये गये थे. लेकिन मामला उस वक्त से ही उलझ गया. इस मामले में तत्कालीन पार्षद द्वारा मामले को हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी. इसमें कहा गया था कि यह मार्केटिंग कॉम्पलेक्स पीडब्ल्यूडी की जमीन पर बगैर अनापत्ति प्रमाण पत्र लिये ही बनाया गया है. काफी लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद 09 अगस्त 2017 को हाइकोर्ट में तत्कालीन पार्षद के पक्ष में फैसला देते हुए मार्केटिंग कॉम्पलेक्स को तोड़े जाने का आदेश पारित किया. हाइकोर्ट के इस आदेश के विरुद्ध नगर परिषद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए अपील दायर की. इसमें नप की ओर से यह तर्क दिया गया कि पीडब्ल्यूडी व नगर परिषद दोनों ही सरकार की संपत्ति है. जनहित में मार्केटिंग कॉम्पलेक्स बनाने का निर्णय डीएम के लिखित पत्र के आलोक में लिया गया था. इसलिए सरकारी संपत्ति की क्षति को रोकने के लिए हाइकोर्ट के आदेश पर विचार किये जाने की जरूरत है.
वर्ष 2007 में नप ने सदर अस्पताल के समीप बनवाया था 70 कमरे का मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स
लगभग 95 लाख के प्राक्कलन से बना था मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स
पीडब्ल्यूडी की जमीन पर बना है मार्केटिंग कॉम्पलेक्स
दुकान के लिए 1033 लोगों ने दिया था आवेदन
स्टे लगाने का पत्र मिला हुआ है : कार्यपालक पदाधिकारी
कुछ दिनों पूर्व ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे लगाने का पत्र नप कार्यालय को प्राप्त हुआ है. इसमें कहा गया है कि 04 दिसंबर 2017 को इस मामले में सुनवाई के बाद अगले आदेश तक मार्केटिंग कॉम्पलेक्स को तोड़े जाने की कार्रवाई पर विराम लगा रहेगा.
भवेश कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद
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