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दो वार्ड हैं आंशिक प्रभावित 09 वार्डों में वितरित किये गये हैं राहत सामग्री

अररिया : प्रलयंकारी बाढ़ से आहत 23 वार्डों के नगरवासियों को सरकारी सहायता के लिए अंचल द्वारा कराये जा रहे सर्वे का इंतजार करना पड़ेगा. हालांकि अररिया नप के 21 वार्डों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है. ऐसा खुद कार्यपालक पदाधिकारी का कहना है. इसलिए सरकारी सहायता के रूप में दी जाने वाली […]

अररिया : प्रलयंकारी बाढ़ से आहत 23 वार्डों के नगरवासियों को सरकारी सहायता के लिए अंचल द्वारा कराये जा रहे सर्वे का इंतजार करना पड़ेगा. हालांकि अररिया नप के 21 वार्डों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है. ऐसा खुद कार्यपालक पदाधिकारी का कहना है. इसलिए सरकारी सहायता के रूप में दी जाने वाली राशि भी वार्ड संख्या 07 से लेकर वार्ड संख्या 29 तक के बाढ़ प्रभावित परिवारों को ही मिलना है. हालांकि बाढ़ प्रभावित 09 वार्डों को छोड़ दिया जाये तो शेष बचे 21 वार्डों में अभी तक राहत पैकेट तक मुहैय्या नहीं कराया जा सका है.

जानकारी अनुसार जिन 09 वार्डों में जिला प्रशासन द्वारा राहत पैकेट उपलब्ध कराया गया है. इनमें वार्ड संख्या 10, 11, 18, 19, 20, 21, 23, 27 व 29 शामिल हैं. शेष बचे 07, 08, 09, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 22, 27, 28 वार्ड के लोगों के बीच आठ हजार पैकेट राहत सामग्री उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी नगर परिषद को सौंपी गयी है. इन वार्डों में राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए चावल, नमक व सोयाबीन आदि सामग्री जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करा दी गयी है.

नप के कर्मियों की माने तो बचे वार्डों में राहत सामग्री पैकेजिंग का कार्य बुधवार से शुरू कर दिया गया है. जो की दो से तीन दिन में समाप्त कर वितरण का कार्य डीलर के माध्यम से शुरू करा दिया जायेगा. राहत से वंचित परिवारों की माने तो उन्हें अगर समय पर राहत मुहैय्या नहीं कराया जा सका तो बाद में इसकी जरूरत क्या होगी.

एक सप्ताह के अंदर सर्वेक्षण कार्य पूरा करने का निर्देश : जानकारी अनुसार राहत सामग्री के अलावा पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद मुहैय्या कराने का कार्य अंचल के द्वारा सर्वे कराने का बाद किया जायेगा. नप के कार्यपालक पदाधिकारी भवेश कुमार ने बताया कि पैकेट के अलावा आर्थिक सरकारी सहायता अंचल द्वारा सर्वे कराने के बाद ही अंचल स्तर से मुहैय्या कराये जायेगा. बताया गया कि सर्वे के कार्य में नप के विकास मित्र, कर संग्रहकर्ता व एक अंचल कर्मी का समुह तैयार किया गया है. यह सर्वे का कार्य करेंगे. सर्वेक्षण की जाने वाले वार्डों में वार्ड संख्या 14,15, 16 में कर संग्रहकर्ता व विकास मित्र के अलावा टैक्स दारोगा मो असलम को वरीय पर्यवेक्षक बनाया गया है. वार्ड संख्या 7, 08, 09 में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी जनार्दन कुमार को वरीय पर्यवेक्षक बनाया गया है. वार्ड संख्या 10, 11, 12 में प्रखंड समन्वयक दिलीप कुमार को वरीय पर्यवेक्षक, वार्ड संख्या 17, 18, 19, 20 में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी अजीत कुमार गुप्ता को वरीय पर्यवेक्षक, वार्ड संख्या 13, 21, 22, 23 में प्रखंड राजस्व पदाधिकारी भोलानाथ राय को वरीय पर्यवेक्षक, वार्ड संख्या 24, 25, 26, 27, 28 व 29 में अंचल लिपिक को वरीय पर्यवेक्षक बनाया गया है. बिहार पटना के आपदा प्रबंधन विभाग के पत्रांक 1973 दिनांक 26 मई के अनुसार एक सप्ताह के अंदर सर्वेक्षण का कार्य पूरा करना है.
कृषि क्षति मुआवजा के लिए चालू वित्तीय वर्ष के लगान रसीद की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है. डीएम ने बताया कि टीम बना कर बाढ़ के कारण फसलों को होने वाली क्षति का आकलन किया जा रहा है. किसानों को क्षति के एवज मुआवजा का भुगतान होगा. उन्होंने कहा कि इस बार चालू वित्तीय वर्ष के लगान रसीद की अनिवार्यता खत्म कर दी गयी है. पिछले दो साल का रसीद भी मान्य होगा.
मृतक के परिजनों को जल्द मिलेंगे रुपये
गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान डीएम ने बताया कि बाढ़ के कारण मरने वाले मृतकों के परिजनों को मुआवजा का भुगतान हो रहा है. पर्याप्त आवंटन प्राप्त हो चुका है. आवागमन की दिक्कत को लेकर सभी को भुगतान नहीं हो पाया है. पर अब देर नहीं होगी. इसी क्रम में उन्होंने यह भी साफ किया कि बाढ़ के कारण जिन शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया उनके परिजनों को भी आवश्यक जांच के बाद भुगतान का निर्देश दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि मौत के मामले में थाना में दर्ज सन्हा के आधार पर जांच कर मौत की पुष्टि का निर्देश अंचलाधिकारियों को दिया गया है. जांच पूरी होते ही मुआवजा की राशि मिल जायेगी.

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