अररिया : बाढ़ के कारण जिले के कई लोग बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं. तो कई लोगों के बाढ़ व्यवसायिक लाभ का जरिया बन चुका है. बाढ़ का पानी सूखने के बाद कुछ खास सामानों की बिक्री में जोरदार वृद्धि हुई है. कुछ खास व्यवसाय में संलग्न लोगों के व्यवसायिक मुनाफे में जोरदार तेजी देखी जा रही है. पहले तो जलजमाव की समस्या से निजात पाने के लिए किराये पर पंप सेट की उपलब्धता मुख्यालय में बेहद सीमित हो गयी. पंप सेट के इस्तेमाल पर प्रति घंटे की दर से मनमानी रकम वसूली गयी. यह सिलसिला अब भी मुख्यालय सहित अन्य इलाकों में जारी है. इससे डेटोल, फिनाइल, क्लिनर, ब्रस, वाइपर आदि चीजों की मांग इतनी बढ़ गयी कि बाढ़ के तुरंत बाद मांग में अचानक आयी तेजी की भरपाई कर पाना स्थानीय व्यवसायियों के लिए मुश्किल हो गया.
नतीजतन इन सामानों के लिए औने पौने दाम वसूले वसूले जाने लगे. जो आज भी जारी है. अधिकांश दोपहिया, चार पहिया वाहनों में पानी घुस जाने के कारण समस्याएं खड़ी होने लगी. बहुतायत की संख्या में घरों में रखे इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोटर, फ्रिज, टीवी में खराबी आ गयी. बाढ़ का पानी जाने के बाद मोटर गैराज, इलेट्रानिक सामानों को ठीक करने मिस्त्री सहित अन्य की मांग काफी बढ़ गयी. बेहिसाब पैसे वसूले जाने लगे हैं. बड़ी संख्या में कच्चे व पक्के मकान बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गये. अब उनकी मरमरम्मत के लिए मजदूरों की कमी आने लगी है. लिहाजा मजदूरी के दर में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. फिल्डरर्ड पानी के व्यवसाय को भी इस मुश्किल घड़ी में फलने फूलने का प्रयाप्त अवसर मिला. इस तरह बाढ़ किसी के लिए तबाही का माध्यम बना तो किसी के लिए व्यवसायिक लाभ के लिए बड़ा जरिया साबित हो रहा है.