29.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गबन के आरोपी पैक्स अध्यक्ष ने भी कराया सीएमआर जमा

स्टॉक जांच के दौरान धान नहीं पाये जाने पर हुई थी प्राथमिकी दर्ज बड़ा सवाल दस दिनों में कहां से आ गया उनके पास गायब धान अररिया : प्रभात खबर की पड़ताल के क्रम में यह बात भी सामने आया कि इस वर्ष धान अधिप्राप्ति मामले के गबन के आरोपी पलासी प्रखंड के सुखसैना पैक्स […]

स्टॉक जांच के दौरान धान नहीं पाये जाने पर हुई थी प्राथमिकी दर्ज

बड़ा सवाल दस दिनों में कहां से आ गया उनके पास गायब धान
अररिया : प्रभात खबर की पड़ताल के क्रम में यह बात भी सामने आया कि इस वर्ष धान अधिप्राप्ति मामले के गबन के आरोपी पलासी प्रखंड के सुखसैना पैक्स अध्यक्ष द्वारा भी 31 जुलाई की रात में आनन-फानन में लगभग 12 लाख मूल्य के 540 क्विंटल सीएमआर को एसएफसी के सीएमआर गोदाम में जमा कराया गया. दिलचस्प बात तो यह है कि पलासी प्रखंड के सहकारिता पदाधिकारी द्वारा वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर पैक्स अध्यक्ष के स्टॉक जांच के बाद गोदाम में किसानों से खरीदे गये 806 क्विंटल धान नहीं पाये जाने पर सुखसैना पैक्स अध्यक्ष नौशाद आलम के विरुद्ध गबन का मामला बनाते हुए 18 जुलाई 2017 को पैक्स अध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
आखिर फिर उसके पास मात्र दस दिनों में कहां से 806 क्विंटल धान आ गया कि उसके द्वारा भारत सरकार के निर्धारित अवधि 31 जुलाइ को धान के एवज में सीएमआर जमा करा दिया गया. हैरत की बात तो यह भी है कि जिस पैक्स अध्यक्ष पर गबन का आरोप बना फिर किस परिस्थिति और किसके दबाव में आकर एसएफसी के गोदाम में उसके सीएमआर को जमा करा दिया गया. इससे एक बात तो स्पष्ट हो रहा है कि कही न कही किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर धान के बदले चावल खरीदने का गोरखधंधा भी बदस्तूर चला है. मामले को दबाने के उद्देश्य से प्रशासन ने भी गबन के आरोपियों को रिलीफ देने का काम भी किया है. हालांकि बीसीओ पलासी की माने तो जमा कराये गये सीएमआर के प्राप्ति रसीद के बाद उसे कानूनी प्रक्रिया से मुक्ति मिल जायेगी. लेकिन सवाल यह उठता है कि जब पदाधिकारियों द्वारा गोदाम का सत्यापन किया गया, तो वहां धान क्यों नहीं मिला. अगर वहां धान नहीं था अंतिम समय में पैक्स अध्यक्ष के पास कहां से धान आ गया, जिसके एवज में उनके द्वारा सीएमआर जमा करा दिया गया.
पैक्स अध्यक्ष ने जमा करा दिया है सीएमआर
सुखसैना पैक्स अध्यक्ष के विरुद्ध धान गबन का मामला दर्ज किया गया था. लेकिन इस बीच सीएमआर जमा करने की तिथि सरकार द्वारा बढ़ा कर 31 जुलाई कर दी गयी. तिथि बढ़ाये जाने के बाद पैक्स अध्यक्ष द्वारा 31 जुलाई को एसएफसी के सीएमआर गोदाम में चावल जमा करा दिया गया. अब वह जमा कराये गये सीएमआर का प्राप्ति रसीद थाना या कोर्ट में जमा कर जमानत प्राप्त कर सकता है.
संजीव कुमार मित्रा, बीडीओ

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें