कटौती . 21 हजार के बदले अब मिलेंगे 6380 लीटर केरोसिन
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स्लम बस्ती पर होगा असर
कटौती . 21 हजार के बदले अब मिलेंगे 6380 लीटर केरोसिन डीएम के निर्देश पर शहर के 29 वार्डों के हॉकरों के लिए आवंटित केरोसिन में बड़ी कटौती की गयी है. केरोसिन में हुई कटौती के कारण ग्रामीण क्षेेत्र से पढ़ने आये छात्र, मजदूर व स्लम बस्ती में रहने वाले लोग प्रभावित होंगे. अररिया : […]
डीएम के निर्देश पर शहर के 29 वार्डों के हॉकरों के लिए आवंटित केरोसिन में बड़ी कटौती की गयी है. केरोसिन में हुई कटौती के कारण ग्रामीण क्षेेत्र से पढ़ने आये छात्र, मजदूर व स्लम बस्ती में रहने वाले लोग प्रभावित होंगे.
अररिया : नगर परिषद क्षेत्र में अब भी जो लोग केरोसिन पर निर्भर होकर घर में रोशनी या चूल्हा जलाने की उम्मीद लगाये बैठे हैं, उन्हें अब केरोसिन की किल्लत से गुजरना होगा. जिला पदाधिकारी के निर्देश पर अररिया नप के 29 वार्डों में हॉकरों द्वारा की जा रही केरोसिन के वितरण में दोगुनी से भी ज्यादा की कटौती अचानक से की गयी है. तेल की कटौती ने शहर के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों व स्लम बस्ती में रहने वाले हजार से ज्यादा परिवारों के सामने बड़ी परेशानी पैदा कर दी है.
जिला प्रशासन के संबंधित पदाधिकारियों के अनुसार केरोसिन में की गयी इस बड़ी कटौती का कारण शहर में बिजली की नियमित व्यवस्था को सुदृढ़ करने के बाद उठाया गया कदम बताया है. लेकिन कुछ पदाधिकारी इस कटौती के पीछे का कारण सिर्फ डीएम का निर्देश बता रहे हैं. खैर कारण जो भी हो लेकिन अररिया नगर परिषद में जिले के सुदुरवर्ती गांवों के हजारों ऐसे छात्र रहते हैं, जिनके पास न तो एलपीजी का कनेक्शन है न ही उतना पैसा कि वे ब्लैक से एलपीजी का सिलिंडर लेकर खाना बना सके.
वहीं नगर परिषद क्षेत्र में सरकारी भूमि पर रहने वाले हजारों ऐसे परिवार भी हैं जिनके पास बिजली विभाग से बिजली का कनेक्शन लेने के लिए निर्धारित की गयी राशि जमा करने की ही औकात है. इन परिवारों के घरों में जहां आज भी जलावन से खाना बनता है और केरोसिन की बदौलत रात का अंधेरा दूर होता है. इनके लिए केरोसिन में की गयी कटौती महंगी साबित हो सकती है.
हॉकरों द्वारा नहीं किया गया उठाव
अररिया नप के 29 वार्डों में जून माह से पूर्व लगभग 21 हजार लीटर केरोसिन तेल का वितरण 29 हॉकरों की मदद से करायी जाती थी. इस आधार पर प्रत्येक वार्ड में 724 लीटर केरोसिन का वितरण हो पा रहा था. लेकिन डीएम के निर्देश के बाद 14620 लीटर केरोसिन के आवंटन में कटौती की गयी है. इसके बाद अब प्रति वार्ड 720 लीटर केरोसिन का वितरण 29 हॉकरों को प्रत्येक वार्ड में करना है. मजे की बात तो यह है कि केरोसिन में की गयी कटौती का मापदंड क्या है यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है.
अचानक से हुए इस कटौती के बाद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक हॉकरों द्वारा केरोसिन का उठाव तक नहीं किया गया है. हॉकर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वे किस आधार पर केरोसिन का उठाव करें. पहले जब 724 लीटर केरोसिन का उठाव करते थे, तो भी मारा-मारी की स्थिति लगी रहती थी. अभी तो बारिश का समय है. कई दिनों तक बिजली भी गायब रहती है. गरीबों के पास इनवर्टर भी नहीं है. वे केरोसिन से ही घर में रोशनी की उम्मीद लगाये रहते हैं. ऐसे में उनके जाकर तेल वितरण करना आसान नहीं है.
पहले कराते सर्वे, इसके बाद की जाती कटौती
केरोसिन में की गयी कटौती के बाद नगर परिषद के हजार से ज्यादा परिवारों पर इसका असर देखने को मिलेगा. हॉकर के माध्यम से वार्डों में की जा रही केरोसिन की आपूर्ति के बाद स्लम बस्ती से लेकर बाहर से आये छात्र या मजदूर किस्म के लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहा था. अचानक की गयी कटौती का प्रभाव अब ऐसे लोगों पर पड़ेगा, जबकि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के केरोसिन देने का प्रावधान नहीं है. केरोसिन का वितरण अब भी दस वर्ष पूर्व बने लाल, पीला व हरा कार्ड के आधार पर किया जा रहा है. जितनी मात्रा में तेल दी जा रही है उससे एक माह का काम चलना मुश्किल साबित होता है. जिला प्रशासन को चाहिए था कि वे पहले सभी वार्डों के स्लम बस्ती का सर्वे कराते तब जाकर केरोसिन में कटौती करते.
रीतेश कुमार, मुख्य पार्षद
कटौती की मुझे जानकारी नहीं
केरोसिन में की गयी कटौती का कारण क्या है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. कटौती का काम डीएम के निर्देश पर किया गया है.
अशोक कुमार मंडल, जिला आपूर्ति पदाधिकारी
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