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चुनावी सभाओं पर आतंकी हमले की आशंका

पटना: बिहार की चुनावी सभाएं आतंकियों का निशाना बन सकती हैं. सभाओं की सुरक्षा को लेकर खुफिया एजेंसियों ने बिहार पुलिस को पहले से आगाह कर दिया है. आइबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन हमलों के लिए कोई नयी तरकीब का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. हमलों में आतंकियों के निशाने […]

पटना: बिहार की चुनावी सभाएं आतंकियों का निशाना बन सकती हैं. सभाओं की सुरक्षा को लेकर खुफिया एजेंसियों ने बिहार पुलिस को पहले से आगाह कर दिया है. आइबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन हमलों के लिए कोई नयी तरकीब का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

हमलों में आतंकियों के निशाने पर देश के कई बड़े राजनेता के साथ विभिन्न पार्टियों के स्टार प्रचारक व सेलिब्रिटी भी हो सकते हैं. हालांकि बिहार में अबतक हुए चुनाव में कभी भी आतंकी हमले की आशंका व्यक्त नहीं की गयी थी.

यह बिहार में पहला चुनाव होगा, जिसमें आतंकी संगठनों की साजिश के खतरे मंडरा रहे हैं. खुफिया एजेंसियों का कहना है कि सुरक्षा में एक छोटी सी भूल भी किसी बड़े साजिश को अंजाम दे सकती है. बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के कद्दावर नेताओं की चुनावी सभाओं की तैयारी शुरू हो चुकी है. आइबी के अलर्ट में कहा गया है कि चुनावी सभाओं में सुरक्षा को लेकर किसी भी कमी को नजरअंदाज नहीं किया जाये और स्थानीय स्तर पर सभी खुफिया इनपुट की गंभीरता से पड़ताल की जाये. सुरक्षा व्यवस्था में कमी मिलने पर अंतिम क्षणों में भी ऐसी चुनावी सभाओं को निरस्त किया जा सकता है. बड़े राजनेताओं के ‘रोड शो’ के दौरान भी हमले हो सकते हैं.

इन पर खतरा
पुलिस मुख्यालय सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों की सुरक्षा को खतरा है, उनमें भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, पूर्व गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, भागलपुर के सांसद सैयद शहनवाज हुसैन, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान, चिराग पासवान, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार आदि के नाम प्रमुख है.

बोधगया व पटना सीरियल ब्लास्ट का मास्टर माइंड पकड़ से दूर
खुफिया एजेंसियों के लिए चिंता का विषय यह है कि बिहार में पिछले साल चार माह के अंतराल पर हुए दो-दो आतंकी हमलों का मास्टर माइंड अभी भी उनकी पकड़ से दूर है. बोधगया के महाबोधि मंदिर और पटना में नरेंद्र मोदी की ‘हुंकार रैली’ में आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम)की बात सामने आयी है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां को मास्टर माइंड को गिरफ्तार करने में कामयाबी नहीं मिली है. खुफिया एजेंसियों की मानें तो समस्तीपुर निवासी मो. तहसीम उर्फ मोनू और औरंगाबाद का हैदर बिहार में हुए दो-दो आतंकी हमलों का मास्टर माइंड है, लेकिन हमलों के बाद उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. आशंका व्यक्त की जा रही है ऐसे फरार आतंकी किसी गुप्त स्थान पर छिप कर बिहार की चुनावी सभाओं को अपना निशाना बना सकते हैं

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