पटना: लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों के निशाने पर केवल नेता और पुलिस के जवान ही नहीं, बल्कि कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी हैं. इसका खुलासा केंद्र व राज्य सरकारों की खुफिया एजेंसियों ने किया है और इस संबंध में इन पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है. केंद्रीय खुफिया एजेंसी आइबी और बिहार पुलिस की एजेंसी विशेष शाखा ने मुंगेर, बांका, जमुई और लखीसराय के एसपी नक्सलियों के निशाने पर बताया है. साथ ही मुंगेर और भागलपुर के डीआइजी को भी विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गयी है.
खुफिया सूत्रों की मानें, तो पिछले दिनों जमुई के जंगलों के चलाये गये एक कांबिंग ऑपरेशन के दौरान पकड़े गये कुछ संदिग्ध लोगों ने ही इसका खुलासा किया है. साथ ही सर्च ऑपरेशन में पुलिस के हाथ लगे कुछ कागजात भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं.
खुफिया एजेंसियों का कहना है कि नक्सलियों ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपने प्रभाववाले क्षेत्रों में खौफ का माहौल बनाने के मकसद से पुलिस के आला अधिकारियों को अपना निशाना बनाने की साजिश रची है. हालांकि, इन इलाकों में सुरक्षा बलों के जवान तो उनके निशाने पर रहेंगे ही, साथ ही आम मतदाताओं के बीच खौफ का माहौल बनाने के लिए एसपी व डीआइजी स्तर के अधिकारियों पर हमले की साजिश रची गयी है. इस बीच राज्य पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उपरोक्त सभी पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है और उनके मूवमेंट को गुप्त रखा जा रहा है. फिलहाल मुंगेर में वरुण कुमार सिन्हा, जमुई में जीतेंद्र राणा, लखीसराय में अशोक कुमार और बांका में पुष्कर आनंद एसपी हैं. इनके अलावा सुधांशु कुमार फिलहाल मुंगेर रेंज के और संजय सिंह भागलपुर रेंज के डीआइजी हैं.