नवादा : प्रशासनिक आदेश की अनदेखी करके कदाचार कराने में पकड़े गये शिक्षकों को भी शिक्षा विभाग ने इस बार मैट्रिक परीक्षा में वीक्षण कार्य का जिम्मा सौंप दिया है. जिला प्रशासन द्वारा पत्रंक 119 दिनांक 13 फरवरी, 2014 के द्वारा इंटरमीडिएट व मैट्रिक परीक्षा के समय कदाचार में पकड़े गये वीक्षकों को आगे किसी भी परीक्षा में वीक्षण कार्य नहीं देने का आदेश दिया है, लेकिन शिक्षा विभाग इस आदेश की अनदेखी कर कदाचार कराने में लिप्त शिक्षकों को वीक्षण का काम सौंप दिया है.
उत्क्रमित मध्य विद्यालय डेगमा के शिक्षक प्रह्वाद पासवान माध्यमिक परीक्षा-2012 में कदाचार कराते हुए पकड़े गये. इस बार पुन: मैट्रिक की परीक्षा में जीवन ज्योति पब्लिक स्कूल में इनको वीक्षक के रूप में लगाया गया है. शिक्षा विभाग का यह कदम पूरी तरह से प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन है. जिला प्रशासन की तरफ से सदर एसडीओ राजेश कुमार द्वारा कदाचार में लिप्त रहे 10 शिक्षकों की सूची जारी की गयी थी, जिसे आगामी किसी भी परीक्षा में वीक्षक के रूप में नहीं लगाना था.
कदाचार कराने में लिप्त शिक्षकों में प्रह्वाद पासवान (पिता लटन पासवान), हेमंत कुमार (पिता नरेश चंद्र शर्मा), अमित घोष (पिता बलराम प्रसाद यादव), आभा सिन्हा (पति अनिल कुमार), धीरज कुमार प्रभाकर (पिता महेंद्र प्रसाद सिंह), उत्तम कुमार (पिता कैलाश राउत), सुमन कुमार चौहान (पिता कैलाश प्रसाद), मनोज कुमार (पिता गोपाल सिंह), रवि भारद्वाज (पिता आरके सिंह) व तरुण कुमार (पिता रामकेश्वर प्रसाद) को किसी भी परीक्षा में वीक्षण कार्य नहीं देने का आदेश दिया गया था. लेकिन, शिक्षा विभाग में इस आदेश की अनदेखी की गयी.
मैट्रिक परीक्षा में कदाचार की छूट देने में शिक्षा विभाग खुद मददगार बन रहा है. गौरतलब है कि सदर एसडीओ के आदेश पर डीइओ ने ज्ञापांक 28 दिनांक 15 फरवरी, 2014 के माध्यम से सभी केंद्राधीक्षकों को इसके अनुपालन का आदेश दिया था. बावजूद परीक्षा केंद्रों पर कदाचार कराने में लिप्त शिक्षकों को ड्यूटी में कैसे लगाया गया यह बड़ी जांच का विषय है.