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नये-नये हथकंडे अपना कर बढ़ रही साइबर अपराधियों की धमक
पटना : राज्य में साइबर अपराध की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इन दिनों साइबर अपराधी घटना को अंजाम देने के लिए नये-नये तरीके के हथकंडे अपना रहे हैं. इसी का नतीजा है कि साइबर अपराध की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. बैंकिंग फ्रॉड की घटनाएं बिहार में सबसे ज्यादा सामने आ […]
पटना : राज्य में साइबर अपराध की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इन दिनों साइबर अपराधी घटना को अंजाम देने के लिए नये-नये तरीके के हथकंडे अपना रहे हैं. इसी का नतीजा है कि साइबर अपराध की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. बैंकिंग फ्रॉड की घटनाएं बिहार में सबसे ज्यादा सामने आ रही हैं. इसके अलावा ऑनलाइन शॉपिंग साइट से लेकर ऑनलाइन सामानों को बेचने वाली वेबसाइटों पर भी साइबर फ्रॉड के मामले काफी बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं. फेसबुक समेत अन्य सोशल साइट्स पर तो ऑनलाइन धोखाधड़ी और किसी को बदनाम करने के लिए इनके उपयोग की तो घटनाएं आम बात होती जा रही हैं.
इसके इतर भी नये तरह के साइबर अपराध सामने आ रहे हैं. साइबर अपराध की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए पुलिस महकमा साइबर दारोगा की बहाली करने जा रहा है. अपराधियों को पकड़ने और मामलों का अनुसंधान करने के लिए थाना स्तर पर एक-एक साइबर यूनिट भी स्थापित करने की कवायद शुरू की गयी है. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) को साइबर अपराध से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए नोडल विभाग बनाया गया है.
पांच सालों में 51 से बढ़ 225 तक पहुंचे मामले
सूबे में जिस तेजी से मोबाइल या संचार क्रांति की गति बढ़ती जा रही है. इसी अनुपात से साइबर अपराध के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. इसके मामलों में पिछले पांच साल में साढ़े चार गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2012 में जहां महज 51 मामले पूरे राज्य में सामने आये थे, वहीं 2016 में यह बढ़ कर 225 हो गये. वर्ष 2017 में अब तक महज तीन महीने में 100 मामले सामने आ चुके हैं.
सीवान के जीबी नगर की रहनेवाले सेना के एक जवान की विधवा पत्नी के बैंक खाते से 182 बार ट्रांजेक्शन करके 14 लाख रुपये निकाल लिये गये और इसकी भनक तक नहीं लगी. जब पता चला, तब महिला ने इसकी शिकायत दर्ज करवायी. बैंक खाते को फ्रीज कराने पर यह सिलसिला टूटा. इओयू ने जब इसकी जांच शुरू की, तो पाया कि पहले तो रेलवे की आइआरसीटीसी पर फर्जी नाम और पहचान से एकाउंट खोले गये. इसके बाद आठ मोबाइल नंबरों का उपयोग करके टिकट की खरीद की गयी. सभी मोबाइल का लोकेशन ट्रेस करने पर पश्चिम चंपारण और इसके अासपास के इलाके का मिला है. अपराधियों की पहचान करके इन्हें पकड़ने की कवायद फिलहाल जिला पुलिस कर रही है.
सेकेंड हैंड सामान खरीदने और बेचनेवाली देश की एक बेहद जानी-मानी वेबसाइट पर नकली मोबाइल बेचने का मामला सामने आया है. पटना के कुम्हरार में रहनेवाले एक व्यक्ति ने सैमसंग के बेहद आधुनिक मॉडल एस-7 एड्ज मोबाइल का विज्ञापन देख कर इसे ऑर्डर कर दिया. आधे दाम पर मिल रहे इस मोबाइल को फुलवारीशरीफ में रहनेवाला कोई लड़का बेच रहा था. खरीदने के कुछ दिन बाद पता चला कि यह मोबाइल चाइनिज मेड डुप्लीकेट कॉपी है.
जब उस लड़के से संपर्क करने की कोशिश की गयी, तो उसका कहीं अता-पता नहीं चला. कंपनी में शिकायत करने पर सिर्फ आइडी ब्लॉक कर दिया गया. परंतु यह बड़ा सवाल है कि वह फिर दूसरे आइडी से धोखाधड़ी कर सकता है.
फिलहाल मामले की जांच चल रही है.
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