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10 करोड़ की हेरोइन जब्त

दानापुर: राजस्व सूचना निदेशालय (डीआरआइ) ने गुप्त सूचना के आधार पर गुरुवार की देर रात पटना की गोरियाटोली स्थित आशीर्वादहोटल से दस करोड़ की हेरोइन के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया.मणिपुर निवासी मो जमारी आलम अली व मो फुरकान और बाराबंकी के मो अब्दुल खालिक को तीन पैकेटों में एक किलो आठ सौ […]

दानापुर: राजस्व सूचना निदेशालय (डीआरआइ) ने गुप्त सूचना के आधार पर गुरुवार की देर रात पटना की गोरियाटोली स्थित आशीर्वादहोटल से दस करोड़ की हेरोइन के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया.मणिपुर निवासी मो जमारी आलम अली व मो फुरकान और बाराबंकी के मो अब्दुल खालिक को तीन पैकेटों में एक किलो आठ सौ ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया.

कई दिनों से थी नजर : डीआरआइकी नजर कई दिनों से जमारी आलम पर थी. उसने डीआरआइ टीम को बताया कि मो अब्दुल खालिक से स्टेशन पर माल देने की डील की गयी थी. मणिपुर से हेरोइन लेकर मो फुरकान आया था़ उसने बताया कि मणिपुर से हेरोइन की तस्करी कर यूपी के बाराबंकी व सुलतानपुर ले जाते हैं. वहां से पूरे देश में इसकी तस्करी की जाती है़ मणिपुर में इसकी खेती होती है़ गिरफ्तार खालिक ने स्वीकार किया कि माल लेकर उत्तरप्रदेश के सुलतानपुर में मो कादरी के पास पहुंचाने के लिए उसे पांच हजार रुपये मिले थे. पांच हजार रुपये के लालच में माल लेने के लिए पहली बार पटना आया और पकड़ा गया.

वहीं, जमारी ने स्वीकार किया कि माल पहुंचने के लिए उसे बीस हजार रुपये मिले थे. वह दूसरी बार माल लेकर आया था. इससे पहले एक माह पहले माल लेकर आया था.तीन पैकेटों में बंद एक किलो आठ सौ ग्राम हेरोइन मो खालिक को देने लिए बोला गया था़ सूत्रों ने बताया कि 2011 से मुख्य तस्कर जमारी आलम अली इस धंधे में है. बहुत दिनों तक वह बर्मा ड्रग की तस्करी करता था़ सूत्रों ने बताया कि तीन तस्कर तीन होटलों में ठहरे थे. ये होटलों में बहुत कम समय रहते थे.

नेपाल-बांग्लादेश से भी आ रहे नशीले पदार्थ
नशीली पदार्थो की तस्करी बांग्लादेश व नेपाल से हो रही है. भारत-नेपाल के बीच खुली सीमा इसमें मदद कर रही है. नेपाल के डांग,रूपनदेही,चितवन व सुनौली के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमानों पर नशीली पदार्थ की खेती होती है. नेपाल में अफीम व हेरोइन की सप्लाइ बांग्लादेश व पाकिस्तान से होती है. तस्करी के लिए बच्चों व महिलाओं को माध्यम बनाया जाता है. एक खेप पहुंचाने के लिए जहां बच्चों को 5 सौ से 7 सौ रुपये मिलते है, जबकि महिलाएं एक खेप पहुंचाने के लिए 12 सौ रुपये वसूलती हैं. दूरी के हिसाब से पैसा बढ़ जाता है. बच्चों व महिलाओं को यह भी नहीं पता होता है कि वे क्या सामान पहुंचा रहे हैं. पिछले साल दिसंबर माह में कंकड़बाग से एक छात्र के पास से पुलिस ने आधा किलो हेरोइन बरामद किया था. मार्च 2012 में पाटलिपुत्र पुलिस ने दो युवकों से एक किलो अफीम बरामद किया था.

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