पटना : पुलिस सेंट जेवियर्स हाइस्कूल के वाइस प्रिंसिपल को कस्टडी में लेकर पूछताछ करेगी. उन पर दोनों केसों में अभिभावक से अभद्र व्यवहार करने का आरोप है. घटना के पीछे उनकी भूमिका होने के आरोप में केस दर्ज है.जो मामला अगस्त में दर्ज कराया गया था, उस मामले में दोनों आरोपित छात्रों के खिलाफ भी पुलिस को सबूत मिले हैं. केस दर्ज कराने के बाद दोनों छात्रा के घर जाकर धमकी दी गयी और मारपीट की गयी थी. इसकी पुष्टि सीसीटीवी फुटेज और मोहल्ले के लोगों के बयान से हुई है. पुलिस इस मामले में जांच कर रही है. गौरतलब है कि अगस्त में सेंट जेवियर्स में पढ़ने वाली अाठवीं की छात्रा ने वाइस प्रिंसिपल, एक शिक्षिका और दाे छात्रों के खिलाफ केस दर्ज कराया था. पुलिस इसकी जांच कर रही है.एक आरोपित छात्र ने इस मामले में सरेंडर भी कर दिया.
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सेंट जेवियर्स के दोनों केसों में वाइस प्रिंसिपल की भूमिका संदिग्ध, पुलिस कस्टडी में होगी पूछताछ
पटना : पुलिस सेंट जेवियर्स हाइस्कूल के वाइस प्रिंसिपल को कस्टडी में लेकर पूछताछ करेगी. उन पर दोनों केसों में अभिभावक से अभद्र व्यवहार करने का आरोप है. घटना के पीछे उनकी भूमिका होने के आरोप में केस दर्ज है.जो मामला अगस्त में दर्ज कराया गया था, उस मामले में दोनों आरोपित छात्रों के खिलाफ […]
आरोपित शिक्षिकाओं की रिमांड पूरी, घटना से इनकार, भेजी गयीं जेल : एलकेजी की छात्रा से अश्लील हरकतें करने के आरोप में जेल भेजी गयीं दोनों शिक्षिकाओं का शुक्रवार को रिमांड अवधि पूरी हो गयी. दोनों को वापस जेल भेज दिया गया है. घटना के संबंध में चौबीस घंटे तक उनसे महिला अधिकारियों द्वारा पूछताछ की गयी, लेकिन शिक्षिकाओं ने घटना के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं दी. उन्होंने घटना से साफ इनकार किया है. पुलिस अब आगे की कार्रवाई कर रही है.
एफएसएल की रिपोर्ट का इंतजार : छात्रा से अश्लील हरकतें करने का मामला पेचीदा होता जा रहा है. एक तरफ मेडिकल की प्राइमरी रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ की पुष्टि हो चुकी है, जख्म पुराने बताये गये हैं. आरोप है कि काफी दिन से अश्लील हरकतें की जा रही थीं.
लेकिन, पुलिस के पास अभी ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, जिससे साफ हो कि घटना स्कूल कैंपस में हुई है. इसके पीछे सिर्फ आरोप और छात्रा का बयान है. इस स्थिति में एफएसएल की रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण हो सकती है. एफएसएल की टीम ने चार नवंबर को स्कूल कैंपस से जांच के लिए नमूने लिये थे. अभी इसकी रिपोर्ट आनी बाकी है.
नेशनल चाइल्ड एब्यूज स्टडी 2007 के अनुसार देश भर में 53 फीसदी बच्चे होते है प्रताड़ना के शिकार
पटना : अभिभावक भले सोचें कि उनके बच्चे स्कूल में सेफ हैं, शिक्षकों के संरक्षण में उनके बच्चे के साथ गलत नहीं होगा. लेकिन अभिभावकों का यह सोचना तब गलत हो जाता है, जब उनके बच्चे शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना के शिकार होते हैं. बच्चों के साथ प्रताड़ना होती है और उसे स्कूल स्तर पर सुनने के लिए न तो चिल्ड्रेन प्रोटेक्शन पॉलिसी ही लागू है और न ही पैरेंट्स टीचर एसोसिएशन में ही इन बातों को रखा जाता है. स्कूल प्रशासन अपने स्तर पर ही मामले को रफा दफा कर देता है. वीमेन एंड चाइल्ड डेवपलमेंट मंत्रालय, 2007 की रिपोर्ट के अनुसार देश भर में 53 फीसदी बच्चे स्कूल में प्रताड़ना के शिकार होते हैं. बिहार या पटना के किसी भी स्कूल में चाइल्ड प्रोटेक्शन पॉलिसी नहीं बनायी गयी है.
बच्चों या अभिभावकों को इस पॉलिसी के बारे में कोई जानकारी नहीं है.नहीं हुई सिक्यूरिटी कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक : स्कूली बच्चों की सुरक्षा से संबंधित एक सिक्यूरिटी कोऑर्डिनेशन कमेटी भी 2013 में पटना में बनायी गयी थी. इस कमेटी में पटना के तमाम स्कूल के प्रिसिंपल मेंबर बने थे. इसके अलावा डीएम, एसएसपी, ट्रैफिक एसपी और चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष इसके मेंबर हैं. डीएम के संरक्षण में बनायी गयी इस कमेटी की हर महीने बैठक होनी थी.
बैठक में स्कूल में बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल काे जानकारी दी जानी थी. लेकिन दो साल से इस कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई है. इस संबंध में बिहार स्टेट चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह ने बताया कि 2013 में इस कमेटी को बनाया गया था. तीन चार बार ही इसकी बैठक नियमित रूप से हुई. दो सालों से इसकी कोई बैठक नहीं हुई है.
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