बक्सर/चौसा.
चौसा बाजार घाट के पास मंगलवार की शाम हुई नौका दुर्घटना में मारे गये पांच और लोगों के शवों को गुरुवार की दोपहर बरामद कर लिया गया है. बुधवार को एनडीआरएफ की टीम ने स्थानीय मछुआरों के सहयोग से पांच शवों को बरामद किया था. इस प्रकार नाव दुर्घटना में मरनेवालों की संख्या 10 हो गयी है. पांच और शव मिलने के साथ ही गुरुवार को बाजार घाट पर कोहराम मच गया. शव देख कर परिजनों के आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था. चौसा प्रखंड के न्यायीपुर महादलित टोले की 22 महिला व लड़कियां उत्तरप्रदेश के पलिया गांव में हर दिन की भांति मंगलवार को टमाटर व आलू के खेतों में मजदूरी करने गयी थी. मंगलवार को महिलाएं काम खत्म करने के बाद पलिया से नाव पर सवार होकर अपने घर लौट रही थी, तभी बाजार घाट से सौ मीटर दूर गंगा में डूब गयी. साहसी युवकों के प्रयास से 12 लोगों की जान बचा ली गयी, लेकिन 10 लोगों की डूबने से मौत हो गयी. गुरुवार की सुबह एनडीआरएफ की टीम ने गंगा नदी में फिर शवों की तलाश शुरू की. काफी प्रयास के बाद लापता पांच शव महेंद्र गोड़ की पुत्री रेणु कुमारी, कांग्रेस राम की पुत्री निशा कुमारी, सुरेंद्र राम की पुत्री प्रियंका कुमारी, राम अवधेश राम की पुत्री बबली कुमारी और कृष्णापुरी चौसा डेरा निवासी स्व. बलराम यादव के पुत्र श्रीभगवान यादव का शव बरामद कर लिया गया है. तीसरे दिन भी शवों की बरामदगी के दौरान चौसा बाजार घाट पर लोगों की भीड़ उमड़ी रही. इधर, गुरुवार को बरामद पांचों मृतक के परिजनों को प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की ओर से डेढ़-डेढ़ लाख रुपये मुआवजा के रूप में उपलब्ध कराया. प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को यह राशि आज उपलब्ध करा दी है. वहीं, मृतक भगवान यादव की मां परम ज्योतिया देवी को यह राशि दी गयी है. इसके अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष से 50-50 हजार मुआवजा की राशि देने की जिलाधिकारी ने अनुशंसा की है.