* 14 से 16 फरवरी तक पटना संग्रहालय में उत्सव
* मीडिया की भूमिका पर भी साहित्य उत्सव में होगी बहस
* गुलजार, विक्रम सेठ, जस्टिस लीला सेठ, ओम थानवी,
* राम बचन रॉय, उषा किरण खान, उदय प्रकाश,
* अशोक बाजपेयी और चित्र मुद्गल आयेंगे
* हिंदी, उर्दू, मगही और भोजपुरी पर भी होगी बहस
* बंदी गृह पर बेऊर जेल परिसर में होगी संगोष्ठी
‘पटना साहित्य उत्सव’ में इस बार देश भर के 40 से अधिक प्रतिष्ठित लेखक, संस्कृतकर्मी, इतिहासकार, पत्रकार और कलाकारों का जुटान होगा. ‘पटना साहित्य उत्सव’ 14 से 16 फरवरी तक पटना संग्रहालय में चलेगा. मुख्यमंत्री के सांस्कृतिक सलाहकार पवन वर्मा ने उक्त जानकारी संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने बताया कि तीन दिनों के इस साहित्य उत्सव में समकालीन साहित्य, सामाजिक मुद्दों, कला़, इतिहास और प्रशासन आदि पर बहस होगी.
तीन दिनों तक हर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे. ‘पटना साहित्य उत्सव’ में मशहूर गीतकार गुलजार, विक्रम सेठ, जस्टिस लीला सेठ, ओम थानवी, राम बचन रॉय, उषा किरण खान, उदय प्रकाश, अशोक बाजपेयी और चित्र मुद्गल भी आयेंगे. इस आयोजन का उद्देश्य भाषा और साहित्य के क्षेत्र में युवाओं को लिखने-पढ़ने और अधिक-से-अधिकरचनाशील बनाने के लिए प्रेरित करना है. मार्च, 2013 में पटना में पहले पटना साहित्य उत्सव का आयोजन किया गया था.
ढ़ाई दिनों तक चले उस उत्सव में बच्चों की कार्यशाला और दो-दो सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था. नवरस स्कूल ऑफ आर्ट्स इसके आयोजन में 2009 से ही सक्रिय रहा है. ‘पटना साहित्य उत्सव’ इसी कोशिश की अगली कडी है. ‘पटना साहित्य उत्सव’ के दौरान बंदी गृह पर बेऊर जेल परिसर में भी संगोष्ठी होगी. फणिश्वर नाथ रेणु पर डाक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखायी जायेगी. उन्होंने बताया कि इस बार के ‘पटना साहित्य उत्सव’ में भारतीय भाषाओं को अधिक प्राथमिकता दी जा रही है. अन्य साहित्यिक उत्सवों में अंगरेजी का बर्चस्व रहता है.
‘पटना साहित्य उत्सव’ में भी अंगरेजी साहित्य पर चर्चा तो होगी, किंतु हिंदी, उर्दू, मगही और भोजपुरी पर भी बहस होगी. कुल 25 सेशन चलेंगे ‘पटना साहित्य उत्सव’ में. ‘पटना साहित्य उत्सव’ में मीडिया की भूमिका पर भी संगोष्ठी होगी. संवाददाता सम्मेलन में डॉ आनंद प्रधान और अमिताभ भी उपस्थित थे.