पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियरों को आगाह किया कि वे सड़क बनाते-बनाते कुछ और न बनाने लगें. उनका इशारा गलत तरीके से संपत्ति संग्रह की ओर था. गुरुवार को संवाद कक्ष में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत 970 पथों के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने विकास कार्यो के लिए जुटाये जा रहे धन को लेकर चुनौती की जानकारी दी.
वित्त आयोग, एडीबी और विश्वबैंक से पैसा जुटाने की जानकारी दी. विश्व बैंक के सामने प्रस्ताव रखते हुए बताया गया है कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना पीएमजीएसवाइ का विस्तार है. इसको लेकर ऋण लेने की बात चल रही है. काम के लिए अन्य स्नेतों से पैसे की व्यवस्था की जा रही है. ऐसे में सरकार पैसे की व्यवस्था करे और उसका संपूर्ण उपयोग नहीं हो. यह नहीं हो सकता है. छठे वेतनमान के बाद वेतन कम नहीं रहा. सरकार कर्मचारियों के लिए हर कुछ करती है. ऐसे में उन्हें भी काम की ओर ध्यान देना चाहिए.
देखरेख भी होनी चाहिए
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ग्रामीण सड़कों को बनाने में बेजुबान लोगों का ध्यान रखें. प्रभावशाली लोग तो अपने क्षेत्र में सड़क बनवा ही लेते हैं. सड़क निर्माण के बाद दो साल तक लोग खुश रहते हैं. टूटने पर उसकी तीखी आलोचना होती है. लोकतंत्र में लोकभावना अहमियत रखती है. अगर लोग खुश नहीं रहेंगे, तो सरकार की चिंता स्वाभाविक है. सड़क का निर्माण हो, तो उसकी देखरेख भी होनी चाहिए. अगर सड़क बना कर छोड़ दी जाये, तो वह सही निवेश नहीं होगा.
मेंटेनेंस नीति पर जोर
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को मेंटेनेंस नीति तैयार करने को कहा है. जिन पथों का उन्होंने शिलान्यास किया, वे 27 जिलों की सड़कें हैं, जो 250-499 बसावट वाले टोलों को जोड़नेवाली होगी. उन्होंने कहा कि ये सड़कें कृषि रोड मैप का हिस्सा है. राज्य में 32200 ऐसी बसावटें हैं, जिनके लिए 22363 पथों का निर्माण किया जाना है. इससे आर्थिक-सामाजिक-शैक्षणिक स्थिति मेंपरिवर्तन होगा.
योजना का बढ़ेगा आकार
राज्य में 12 हजार से अधिक पुल-पुलियों का निर्माण हो चुका है. सरकार में हर तरफ काम हो रहा है. पहली सरकार बनी थी, तो योजना का आकार चार हजार करोड़ का था. इस वर्ष 34 हजार करोड़ का जबकि अगले वर्ष 40 हजार करोड़ के योजना आकार बनाने की इच्छा है. उन्होंने कहा कि उनकी आदत काम करने की है. बिना नाम लिये कहा कि कई लोगों का काम जुबान चलाने से ही हो गया है. उनकी कुंडली में इसका योग नहीं है. बहुत काम करने पर भी थोड़ा श्रेय मिलता है.
पुस्तकों का विमोचन
मुख्यमंत्री ने दो पुस्तक ‘मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की मार्गदर्शिका’ और ‘दर्पण सॉफ्टवेयर’ का विमोचन किया. ग्रामीण कार्य सह पंचायती राज मंत्री डॉ भीम सिंह ने कहा कि छह घंटे में राजधानी पहुंचने वाले सड़कों को जोड़ने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. मुख्यमंत्री के सपनों को साकार करने में विभाग जुटा है. रोड़ मेंटेनेंस पॉलिसी बनायी जा रही है. मरम्मत की मॉनीटरिंग हो रही है. पुरानी सड़कों की मरम्मत के लिए 505 करोड़ रुपये दिया गया है. मौके पर शिक्षा मंत्री पीके शाही, विभाग के सचिव डॉ बी राजेंदर और अपर सचिव केआर लक्ष्मणन समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे.