पटना: बड़ा बनने के लिए बड़े खानदान में पैदा होना जरूरी नहीं है. बड़ा तो तो लोग अपने कर्मो व त्याग से बनते हैं. कपरूरी ठाकुर और आज नरेंद्र मोदी इसके उदाहरण हैं.
कपरूरी ठाकुर राजनीतिक जीवन के आदर्श मापदंड यों ही नहीं बने. उन्होंने त्याग, ईमानदारी और सच्चई का रास्ता चुना था. ये बातें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बुधवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में पार्टी के अतिपिछड़ा मंच द्वारा आयोजित कपरूरी जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहीं.
साधारण नहीं है बिहार की धरती : श्री सिंह ने कहा कि बिहार पर जातिवाद की राजनीति करने का आरोप लगता रहता है, लेकिन कपरूरी ठाकुर की जाति के लोग यहां कम ही हैं, इसके बावजूद वे तीन बार मुख्यमंत्री बने. बिहार की धरती साधारण धरती नहीं है. कई राजनीतिक परिवर्तनों की इसी धरती ने अगुआई की है. यह प्रयोगधर्मी राज्य है. आज सादगी और सरलता की पॉलिटकल ब्रांडिंग की जा रही है, लेकिन कपरूरी ठाकुर ने कभी अपनी सादगी की ब्रांडिंग नहीं की. वे छोटे नहीं, बड़े मन के इनसान थे.
मिलकर किया पीएम बनाने का फैसला : श्री सिंह ने कहा, नरेंद्र मोदी को भावी प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा भले ही मैंने की हो, लेकिन सच तो यह है कि सभी लोगों ने मिल कर उन्हें प्रधानमंत्री बनाने का फैसला लिया है. मैं तो महज अध्यक्ष की हैसियत से इसकी घोषणा की.
मौके पर पूर्व केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह, पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह, अश्विनी कुमार चौबे, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, पूर्व सांसद गोपाल नारायण सिंह व बांका की सांसद पुतुल सिंह भी मौजूद थे. जयंती समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमोद चंद्रवंशी ने की. मंच संचालन भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय चंद्रवंशी ने किया.