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सूरत व्यवसायी अपहरण मामला: नीतीश ने कहा, अपराधी कितना भी बड़ा हो, बचेगा नहीं

गुजरात के व्यवसायी अपहरण मामले में जदयू नेता पर शक, नीतीश ने नकारा पटना : सूरत के व्यवसायी सोहैल हिंगोरा के अपहरण और रिहाई के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी अभयानंद को मामले की तह तक जाने का निर्देश दिया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि इस मामले में कोई कितना भी बड़ा […]

गुजरात के व्यवसायी अपहरण मामले में जदयू नेता पर शक, नीतीश ने नकारा

पटना : सूरत के व्यवसायी सोहैल हिंगोरा के अपहरण और रिहाई के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी अभयानंद को मामले की तह तक जाने का निर्देश दिया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि इस मामले में कोई कितना भी बड़ा आदमी क्यों न हो, नाम सामने आने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात पुलिस ने पहले इसकी सूचना नहीं दी. यदि पहले सूचना मिलती और पुलिस मदद नहीं करती, तब सवाल उठ सकते थे.

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस अपना काम कर रही है. अगर किसी के पास कोई भी जानकारी हो, तो उसे उपलब्ध कराये. इस पर कार्रवाई की जायेगी.

इस खबर को जब हमने समाचार पत्र में देखा, तो डीजीपी को इसके बारे में बात की. इसके बाद और खबरें आ रही हैं. हमने डीजीपी को सख्त निर्देश दिया है कि इस मामले के तह तक जायें. सूचना के आधार पर जो भी सुराग मिल रहा है, उस आधार पर आरोपियों को चिह्न्ति करें और कार्रवाई करें. जांच करते हुए डीजीपी ने जो बातें सार्वजनिक तौर पर कही हैं, मुझे भी वही बतायी हैं.

अपहृत लड़के की रिहाई के बाद ही बिहार पुलिस को इसकी सूचना दी गयी. लड़के को अपहरण के बाद जहां रखा गया था, उसके द्वारा बताये गये लोकेशन के आधार पर पता लगा लिया गया है. मकान को चिह्न्ति कर लिया गया है और गिरफ्तारियां भी हुई हैं.

सुशील कुमार मोदी-व्यापारी के बेटे के अपहरण मामले में सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जब से जदयू ने भाजपा से गंठबंधन तोड़ा है अपहरण और नक्सली धटनाओं में काफी बढोत्तरी हुई है. लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति काफी खराब है.इसका स्पष्ट कारण है कि सरकार बहुमत में नहीं है जिसके कारण इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

* कोई नाम है, तो हमें भी बतायें

मुख्यमंत्री कहा, इस मामले में कुछ नामों की चर्चा हो रही है. हमें भी नाम चाहिए, ताकि हम कार्रवाई कर सकें. लोग तो बोल रहे हैं, तो फिर जानकारी दें. पहले कहा गया कि अपहरण में राजनेता का हाथ है. फिर आया कि सत्ता पक्ष के ही नेता है. फिर किसी मंत्री का हाथ है और अब एक प्रभावशाली नेता की बात हो रही है. हम भी नाम जानना चाहते हैं. एक्स, वाइ, जेड, कोई भी हो, जिसके पास भी कोई जानकारी है, उपलब्ध करायें. पूरे घटनाक्रम को दमन पुलिस ने व्यवसायी की रिहाई के बाद बताया. जब पहले जानकारी ही नहीं थी, तो हम कार्रवाई कैसे करते. पहले बताते और बिहार पुलिस मदद नहीं करती, तब कोई कुछ कहता. इस मामले में कोई भी हो, उसकी गरदन तक हाथ जरूर पहुंचेगी.

* क्या है मामला

गुजरात के सूरत शहर के एन-131-132, निशात सोसाइटी, अंधाजन पटिया में रहनेवाले व्यवसायी मो सोहैल हिंगोरा का 29 नवंबर को दमन से अपहरण कर लिया गया था. उस समय वह दमन के पंचल इंडस्ट्रीयल इस्टेड स्थित अपनी फैक्टरी प्लेटनियम सिथेंटिक प्राइवेट लिमिटेड से निकल रहे थे. इस संबंध में दमन में 29 नवंबर को कांड संख्या – 162/13 दर्ज किया गया है. अपहरण के बाद उन्हें छपरा के नयागांव थाना क्षेत्र में एक घर में 25 दिनों तक रखा गया था. नौ करोड़ की फिरौती वसूलने के बाद अपहर्ताओं ने व्यवसायी को छोड़ दिया. रिहाई के बाद दमन पुलिस द्वारा संपर्क करने पर बिहार पुलिस ने नयागांव में छापेमारी कर आरोपी रंजीत सिंह को गिरफ्तार किया, जबकि उसका भाई दीपक सिंह फरार हो गया. इनके पिता झारखंड में पुलिस इंस्पेक्टर हैं. छापेमारी में बरामद साक्ष्यों को दमन पुलिस को सौंपा गया है.

* पटना में ही फिरौती की रकम चुकायी थी :मो हनीफ

पटना : अपने बेटे मो सोहैल हिंगोरा के अपहरण मामले की जांच शुरू होने पर सूरत के व्यवसायी मो हनीफ हिंगोरा ने खुशी जतायी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई देता हूं. साथ ही उनसे मेरा आग्रह है कि वह उस नकाबपोश की नकाब उतारें, जिसने मेरे बेटे का अपहरण किया था.

गुरुवार को फोन पर बातचीत में हनीफ ने बताया कि पटना में ही फिरौती की रकम चुकायी गयी थी. गांधी सेतु से 20-22 किमी की दूरी पर पेट्रोल पंप के पास सोहैल को अपहर्ताओं ने सौंपा था. मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि सत्ताधारी दल के एक नेता ने फिरौती की रकम तय करने में अपनी भूमिका निभायी थी. मैंने किसी मंत्री का नाम नहीं लिया है. पुलिस जांच कर उस सफेदपोश को गिरफ्तार करें.

* सीआइडी व एसटीएफ करेगी मामले की जांच

पटना : दमन से सूरत के व्यवसायी सोहैल हिंगोरा के अपहरण मामले में आपराधिक षड्यंत्र रचने, नौ करोड़ फिरौतीवसूलने, पैसों के लेन-देन में स्थानीय आपराधिक गिरोह के शामिल होने को लेकर छपरा के नया गांव थाने में गुरुवार को एफआइआर दर्ज की गयी. पूरे मामले की मॉनीटरिंग स्वयं डीजीपी अभयानंद करेंगे.

इस मामले की जांच की जिम्मेवारी अपराध अनुसंधान विभाग व स्पेशल टास्क फोर्स को सौंपी गयी है. इस मामले में पूर्व में दमन पुलिस ने मामला दर्ज किया है. इसका अनुसंधान दमन पुलिस कर रही है. बिहार (नया गांव थाना) में दर्ज एफआइआर के तहत अपहरण में शामिल गिरोह, सफेदपोशों की संलिप्तता, पैसे के लेन-देन की जांच की जायेगी.

चूंकि साजिश बिहार में रची गयी, नौ करोड़ रुपये फिरौती बिहार में वसूली गयी, ऐसे में बिहार पुलिस इसकी जांच कर कानूनी कार्रवाई करेगी. इसके पहले डीजीपी ने पूरे मामले की अद्यतन जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी. आरोपी रंजीत व दीपक सिंह के पिता नागमणि सिंह गिरिडीह में पुलिस इंस्पेक्टर हैं.

* छपरा के नया गांव थाने में प्राथमिकी दर्ज

* आरोपी रंजीत सिंह गिरफ्तार उसका भाई दीपक सिंह फरार

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