पटना: 22 मई को खगौल थाने के नेउरा स्थित एक अर्धनिर्मित मकान से बरामद किया गये नवजात को पुलिस ने सोमवार की देर रात गुड़िया उर्फ मीना देवी (फुलवारीशरीफ) को सौंप दिया है. न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है. एफएसएल की डीएनए रिपोर्ट में जब इस बात की पुष्टि हो गयी कि मासूम गुड़िया उर्फ मीना देवी की है, न कि कलावती देवी की.
इसके बाद न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह मासूम को ला कर मीना देवी को सौंप दिया जाये. निर्देश मिलते ही केस के अनुसंधानकर्ता धनंजय कुमार अरवल के मेहंदिया थाने के सोहसा गांव स्थित राजदेव चौधरी के घर पर पहुंचे और उनकी पुत्री कलावती देवी व अन्य परिजनों को लेकर देर रात पटना पहुंचे. वहां पहले से ही मीना देवी, गायत्री देवी, उनका पति प्रेम कुमार, बेटी निशा व दामाद सोनू इंतजार कर रहे थे. कलावती देवी काफी समझाने-बुझाने के बाद अरवल से पटना आयी थी, लेकिन यहां पहुंचते ही उसने बच्चे को देने से इनकार कर दिया. काफी मशक्कत के बाद उसे मीना को सौंपा गया.
डीएनए रिपोर्ट से पुष्टि
गुड़िया उर्फ मीना देवी द्वारा उसे अपना बताये जाने के बाद पुलिस ने 19 जून को नवजात, गुड़िया उर्फ मीना देवी व कलावती देवी के ब्लड सैंपल को एफएसएल में डीएनए जांच के लिए भेजा था. गुड़िया उर्फ मीना देवी ने बताया था कि इस बच्चे को 16 मई को पोपुलर नर्सिग होम फुलवारी शरीफ में जन्म दिया था, लेकिन माली हालत ठीक नहीं थी.
प्रेम कुमार की पत्नी गायत्री देवी ने इस बच्चे के जन्म का सारा खर्च उठाया था और उसे बाद में गोद दे दिया था. एफएसएल ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि नवजात, गुड़िया व कलावती के ब्लड सैंपल का विश्लेषण करने पर पाया गया कि गुड़िया और नवजात के डीएनए का अनुवांशिक रूपरेखा समान है, इसलिए वह गुड़िया की ही संतान है.
कहां है कलावती देवी का बेटा?
गुड़िया उर्फ मीना देवी को तो उनका बेटा मिल गया, लेकिन 18 मई को पीएमसीएच के प्रसूति विभाग से गायब हुए राजदेव चौधरी का नाती कहां है? जिस बच्चे को अपना समझ कर कलावती देवी लालन-पालन कर रही थी. कलावती देवी के पति विद्यासागर (औरंगाबाद निवासी) ने बताया कि पुलिस ने उनके साथ धोखा किया है. वह बच्च अगर उनका नहीं है, तो मेरा बच्च कहां गया? वे कल पटना पहुंचेंगे और पुलिस के वरीय अधिकारियों से बच्चे को बरामद कराने की गुहार लगायेंगे.
नेउरा से हुआ बरामद
18 मई को नवजात के गायब होने के बाद पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए 22 मई को खगौल थाने के नेउरा स्थित एक नवनिर्मित भवन से उसे बरामद किया था. इस मामले में पुलिस ने बच्च चुराने के आरोप में निशा, उसके पति सोनू व निशा की मां गायत्री देवी को गिरफ्तार किया था. इन तीनों को जेल भेज दिया गया था और नवजात को विधा सागर व कलावती देवी को सौंप दिया गया था. लेकिन जेल से छूटने के बाद गायत्री देवी ने यह कह कर सनसनी फैला दी थी कि उसने गुड़िया उर्फ मीना देवी से बच्चे को गोद लिया था. मीना देवी ने भी इसकी पुष्टि करते हुए बच्चे को वापस दिलाने के लिए मानवाधिकार से लेकर न्यायालय तक शरण ले ली थी.
कैसे हुआ था बच्च चोरी
अरवल के राजदेव चौधरी अपनी बेटी कलावती देवी को डिलिवरी के लिए 16 मई की शाम सात बजे पीएमसीएच में भरती कराया था. कलावती की शादी औरंगाबाद स्थित हसपुरा थाने के मलहारा गांव निवासी विद्यासागर से तीन साल पहले हुई थी. 16 मई की रात 10 बज कर 30 मिनट पर नवजात का जन्म हुआ था. बच्चे के जन्म के बाद कलावती देवी की हालत में सुधार नहीं हुआ और उसे इलाज के लिए आइसीयू में भरती कराया गया. कलावती को होश ही नहीं आ रहा था. नवजात होने के कारण बच्च भी आइसीयू में मां के पास था. दोनों की सेवा करने के लिए कलावती देवी की मां पानपति देवी भी साथ में थी. 18 मई की सुबह साढ़े आठ बजे पानपति देवी आइसीयू के दरवाजे पर आ कर पति राजदेव को अतिरिक्त दवा वापस करने को कहा. उसके बाद पानपति देवी दरवाजे पर से वापस बेटी के पहुंची, तो वहां से नवजात गायब था.