बेगूसराय (नगर).
जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत भर्रा में स्थापित अनुसूचित आवासीय विद्यालय भगवान भरोसे चल रहा है. यहां रहनेवाले छात्रों की स्थिति बदतर है. कई बार इस संबंध में छात्रों ने शिकायत से लेकर हंगामा व प्रदर्शन भी किया, लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. नतीजा है कि सभी मानकों को ताक पर रख कर विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. बुधवार को जिला पर्षद की अध्यक्षा इंदिरा देवी ने विद्यालय का जब औचक निरीक्षण किया, तो वहां रहनेवाले छात्रों की स्थिति जान कर भौंचक रह गयीं. छात्रों ने जिप अध्यक्षा के समक्ष शिकायतों की झड़ी लगा दी. छात्रों ने यहां तक कह दिया कि हम लोगों की स्थिति जानवरों से भी बदतर है.
मेनू के अनुसार भोजन नहीं
आवासीय विद्यालय, भर्रा में मेनू के अनुसार छात्रों को खाना नहीं मिलता है. भोजन के नाम पर सिर्फ संचालकों द्वारा खानापूर्ति की जा रही है. घटिया भोजन को लेकर कई बार छात्रों ने अपनी आवाज उठाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन उनकी आवाज आज तक दबी हुई है. खाने में न तो सही ढंग से सब्जी मिलती है और न ही दाल दी जाती है. जली हुई रोटी और सब्जी के नाम पर पानी मिले हुए रस से ही छात्रों को संतोष करना पड़ता है. विद्यालय का भवन भी जजर्र हो चुका है. लेकिन, आज तक इस दिशा में ध्यान नहीं दिया गया है. नतीजा है कि जजर्र भवन कभी भी छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. इस दिशा में भी आज तक छात्रों द्वारा शिकायत करने के बाद भी सकारात्मक पहल नहीं की जा सकी है. यहां कभी भी कोई बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
नामांकन में भी अनियमितता
भर्रा आवासीय विद्यालय में समय पर प्रबंध समिति की बैठक नहीं होती है. नतीजा है कि विद्यालय के संचालन में कोई नियंत्रण दिखाई नहीं पड़ता है. वर्ष 12 के दिसंबर में जो प्रबंध परिषद की बैठक हुई, उसके बाद एक वर्ष होने चले, लेकिन आज तक बैठक नहीं हो पायी है. इतना ही नहीं, विभाग द्वारा भी समय पर इस आवासीय विद्यालय का निरीक्षण नहीं हो पाता है, जिससे विद्यालय में रहनेवाले छात्रों में नाराजगी देखी जा रही है. विद्यालय में नामांकन में भी अनियमितता बरती जा रही है. इसमें फर्जीवाड़ा भी सामने आया है. जिप अध्यक्षा के निरीक्षण के दौरान उपस्थिति का जब रजिस्टर से मिलान किया गया, तो इसमें अनियमितता पायी गयी. छात्रों के पठन-पाठन के नाम पर भी खानापूर्ति की जा रही है. छात्रों को किताबें भी समय पर नहीं दी जा रही हैं. एक से पांच तक के छात्रों को मात्र 30 प्रतिशत ही किताबें उपलब्ध करायी गयी हैं. वहीं, वर्ग छह से आठ तक के बच्चों के लिए अभी तक किताबें उपलब्ध ही नहीं हो पायी हैं.
नहीं दी जाती है साफ चादर
आवासीय विद्यालय, भर्रा में रहनेवाले छात्रों के बिछावन पर साफ चादर नहीं दी जाती है. नतीजा है कि गंदगी के बीच ही रहनेवाले छात्र अपना समय काटते हैं. इस शीतकालीन मौसम में रहनेवाले छात्रों के लिए सही रू प से कंबल की भी व्यवस्था नहीं हो पाती है. इससे छात्र ठंड में सिकुड़ते रहते हैं. कई बार इस संबंध में भी शिकायत की गयी, लेकिन उसमें आज तक सुधार नहीं हो पाया है.