पटना: मंगलवार को दूसरे दिन भी विपक्षी पार्टी भाजपा ने पटना में आतंकी हमले पर काम रोको प्रस्ताव की अनसुनी किये जाने के विरोध में विधानसभा की पहली पाली की कार्यवाही नहीं चलने दी. सदन की कार्यवाही मात्र 15 मिनट ही चली. स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने हंगामे के बीच इस समय का उपयोग शून्य काल,ध्यानाकर्षण सूचना व विभिन्न समितियों के प्रतिवेदन को सदन की पटल पर रखवाने में किया. हालांकि स्पीकर वेल में नारेबाजी कर रहे सदस्यों को अपनी सीट पर लौटने की अपील करते रहे, लेकिन वह बेकार गया.
भाजपा के आतंकी हमले के मसले पर सदस्य काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर अड़े रहे. दूसरी ओर राजद के सदस्य नियोजित शिक्षकों को स्थायी शिक्षकों के समान वेतन पर काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा की मांग कर रहे थे. हंगामे के दौरान कांग्रेस और सीपीआइ के सदस्य अपनी-अपनी सीट पर बैठे रहे.
कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही राजद के चंद्रशेखर के नेतृत्व में उनकी पार्टी के सभी सदस्य यह नारेबाजी करते हुए सदन के वेल में आ गये कि जब तक शिक्षक भूखा है, तब तक ज्ञान का सागर का सूखा है. इसके बाद भाजपा के सदस्य पटना के गांधी मैदान में हुए 27 अक्तूबर को आतंकी हमले पर सदस्यों द्वारा लिये गये कार्य स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार कर चर्चा कराने की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए वेल में आ गये.
दो बार कार्यवाही स्थगित
विपक्ष के नेता नंद किशोर यादव का कहना था कि आतंकी हमला लोगों के जीवन-मरन का प्रश्न है. इस पर सदन के अंदर चर्चा नहीं होगी, तो कहां होगी. प्रदेश में मधुबनी मॉडल आतंकवादियों को पकड़ा जा रहा है. इसमें निदरेष बच्चे भी आतंकी के नाम पर पकड़े जा रहे हैं. आतंकवादियों को बिहार में खुली छूट दी गयी है. जब लोग ही सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो नियम और परंपरा का क्या होगा. हंगामा नहीं थमते देख स्पीकर ने 10 मिनट बाद 11 बज कर 10 मिनट पर दोपहर साढ़े 12 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. साढ़े 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा आरंभ होने पर भाजपा और राजद के सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी करने लगे. करीब 15 मिनट तक सदन में यही स्थिति बनी रही. इस दौरान शून्य काल के लिए पांच सदस्यों के नाम पुकारे गये. पौने एक बजे कार्यवाही स्थगित कर दी गयी.
कार्यस्थगन प्रस्ताव अमान्य
सदन की कार्यवाही दुबारा साढ़े 12 बजे शुरू हुई, तो स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने कहा कि आसन को छह कार्यस्थगन प्रस्ताव मिले हैं. इनमें पटना के गांधी मैदान में सीरियल बम ब्लास्ट व पटना के बहादुरपुर में डॉ रजनीश रंजन की हत्या के आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई, शिक्षकों की समस्या के निदान व होमगार्ड के जवान के अनशन को लेकर था. कार्यस्थगन प्रस्ताव दिलीप कुमार वर्मा, अशोक यादव, रामेश्वर चौरसिया, दुर्गा प्रसाद सिंह, अख्तारूल इमान, चंद्रशेखर व सम्राट चौधरी द्वारा लाया गया है, जिसे नियमानुकूल नहीं होने के चलते अमान्य किया जाता है. इसके बाद समूचा सदन शोरगुल में डूब गया. स्पीकर ने शून्यकाल शुरू कर दिया. इसमें राजद के भाई दिनेश ने किसानों को डीजल अनुदान की राशि देने, प्रदीप कुमार ने विद्युत तार की चोरी होने से विद्युत आपूर्ति ठप होने, विनोद प्रसाद यादव ने शिवचंद्र यादव के हत्यारे को गिरफ्तार कर पीड़ित परिवार को मुआवजा देने, दुर्गा प्रसाद सिंह ने राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पीतांबर पासवान के ब्रेन हेमरेज होने की सूचना देते हुए उनका इलाज सरकार की ओर से कराने व वीरेंद्र कुमार सिंह ने बैरिया-ठेकना वितरणी के अधूरे कार्य को पूरा कराने की मांग की.
हालांकि विधानसभाध्यक्ष ने डॉ दाउद अली, अरुण शंकर प्रसाद, डॉ अख्तरूल इमान व डॉ अच्यूतानंद का नाम भी शून्य काल की सूचना को पढ़ने के लिए पुकारा था, लेकिन हंगामे से वह नहीं पढ़ पाये. हंगामे के बीच विधानसभा की निवेदन समिति, याचिका समिति व प्राक्क्लन समिति की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखा गया.
आज आतंकवाद पर वाद-विवाद, 13 को अल्पसंख्यकों की स्थिति पर विचार
विधानसभा में बुधवार को आतंकवाद व सांप्रदायिकता के कारण उत्पन्न स्थिति पर विशेष विचार-विमर्श होगा. शुक्रवार को सभा की बैठक सुबह 10 बजे शुरू होगी, जिसमें राज्य में मुसलमानों की आर्थिक व शैक्षणिक गिरावट पर सदन में विचार किया जायेगा. कार्यमंत्रणा समिति की मंगलवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया. विधानसभा में भोजनावकाश के बाद सभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने यह जानकारी दी.
छात्राओं पर लाठीचार्ज की सीबीआइ जांच हो
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मगध महिला की छात्राओं पर पुलिस लाठी चार्ज मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार महिला विरोधी है. सूबे में सुशासन की सरकार के दावे के बावजूद महिलाओं पर अत्याचार, दुष्कर्म एवं अपहरण के मामलों में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार के कार्यकाल में महिलाओं का सम्मान घटा है, पुलिस तानाशाह हो चुकी है. अफसरशाही बेलगाम हो चुकी है. उन्होंने नीतीश सरकार के विरोध में आंदोलन को जारी रखने की आवश्यकता जतायी.