पटना: पटना जिला योजना कार्यालय और कल्याण विभाग की शाखा में चेक गायब कर 4.43 करोड़ की फर्जी निकासी का खुलासा होने के बाद सरकार में खलबली मच गयी है. आशंका है कि फर्जी निकासी के तार दूसरे जिलों से भी जुड़े हो सकते हैं और फर्जी निकासी की रकम कई गुनी हो सकती है. इसके मद्देनजर सभी डीएम को गोपनीय तरीके से अपने-अपने जिले में फर्जी निकासी की छानबीन करने को कहा गया गया है.
मुख्यालय के निर्देश के बाद डीएम सतर्क हो गये हैं. चेक काटने और इसके कस्टोडियन पदाधिकारियों को तहकीकात के निर्देश दिये गये हैं. सरकार ने पटना के डीएम से इस बाबत रिपोर्ट मांगी है.
रिपोर्ट के अध्ययन के बाद सभी जिलों को फर्जी निकासी रोकने के लिए गाइडलाइन सुझाये जायेंगे. वित्त आयुक्त रामेश्वर सिंह ने बताया कि पटना समाहरणालय से चेक गायब होने और उससे निकासी की घटना को सरकार ने गंभीरता से लिया है. डीएम से वैसी सभी शाखाओं की जांच को कहा गया है, जहां से चेक निर्गत किये जाते हैं. अधिकारियों के मुताबिक फर्जी निकासी के इस खेल में बैंक और समाहरणालय के कुछ कर्मियों के भी शामिल होने की आशंका है. जिस तरीके से पहले चेक गायब किये गये और फिर उसी चेक से पैसे निकाले गये, इससे लगता है कि इसमें एक संगठित गिरोह कार्यरत है. अधिकारी पैसे निकालनेवाली कंपनी के संचालकों की पूरी जानकारी जुटा रहे हैं.