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एक साल जंजीरों में कैद रही अमला

– सौतेली मां व भाई ने संपत्ति के लिए किया प्रताड़ित, हेल्पलाइन ने छुड़ाया – 11 मिनट में पहुंची महिला हेल्पलाइन की टीम – आजाद होने के बाद फूट-फूट कर रो पड़ी अमला पटना : संन्यासी पिता के बेटे ने जमीन व संपत्ति के लालच में एक साल से अपनी ही बहन को कैद कर […]

– सौतेली मां व भाई ने संपत्ति के लिए किया प्रताड़ित, हेल्पलाइन ने छुड़ाया

– 11 मिनट में पहुंची महिला हेल्पलाइन की टीम

– आजाद होने के बाद फूट-फूट कर रो पड़ी अमला

पटना : संन्यासी पिता के बेटे ने जमीन व संपत्ति के लालच में एक साल से अपनी ही बहन को कैद कर रखा था. बोरिंग केनाल रोड के आनंदपुरी स्थित आशीर्वाद अपार्टमेंट व आसपास के लोग गुरुवार को उस समय स्तब्ध रह गये, जब उन्हें इस अमानवीय घटना की जानकारी मिली. भाई विमल अपनी 35 वर्षीय बहन अमला को जंजीर में बांध कर मारपीट व प्रताड़ित करता था.

इसका खुलासा उस समय हुआ, जब प्रतारणा से तंग अमला घर से भागने की कोशिश कर रही थी, लेकिन भाई विमल ने देख लिया और बहन को पीटते हुए सीढ़ी से घसीट कर फ्लैट में ले जाने लगा. इस हो -हंगामे से कई लोग जुट गये और किसी ने इसकी सूचना एसएमएस से महिला हेल्पलाइन को दी. हेल्पलाइन की परियोजना प्रबंधक प्रमिला कुमारी को एसएमएस मिलते ही हेल्पलाइन व श्रीकृष्णापुरी पुलिस की टीम पहुंच गयी. टीम ने अमला को मुक्त कराया.

इसी बीच विमल का परिवार फरार हो गया. अमला को पुलिस निगरानी में वापस रांची स्थित आनंदमार्ग आश्रम भेज दिया गया है. महिला हेल्पलाइन में अमला के बयान पर मामला दर्ज कर लिया गया है. लिखित बयान को महिला हेल्पलाइन आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए श्रीकृष्णापुरी थाने को भेजेगी.

मां की मौत के बाद से थी आनंद मार्ग आश्रम में : अमला ने बताया कि वह मूल रूप से समस्तीपुर की निवासी है. उसकी मां की मृत्यु के बाद पिता मिसरी लाल ने उसे सात वर्ष की उम्र में रांची के हेसाग आनंद मार्ग आश्रम में छोड़ दिया था. पिता ने दूसरी शादी कर ली थी, जिससे उन्हें एक पुत्र विमल है. फिलहाल पिता संन्यासी हैं.

सौतेले भाई के लिए अब भी दिल में दर्द : जिस बहन को सौतेला भाई विमल प्रताड़ित करता था, उसके लिए भी उसके दिल में दर्द था. अमला नहीं चाहती थी कि अपने भाई पर प्राथमिकी दर्ज करे. महिला हेल्पलाइन की परियोजना प्रबंधक को उसने बताया कि वह अपने भाई पर प्राथमिकी दर्ज नहीं कराना चाहती है.

उसने केवल महिला हेल्पलाइन को लिखित जानकारी दी और रांची जाने की जिद करने लगी. महिला हेल्पलाइन की वरीय काउंसेलर साधना ने बताया कि अमला विकलांग है. साथ ही जमीन के लालच में उसके सौतेले भाई व मां उसे मार देना चाहते हैं.

आश्रम से कमाये तीन हजार रुपये भी उसके पास नहीं है . 10 रुपये उसके पास थे, जिससे वह रांची जाना चाह रही थी. महिला हेल्पलाइन की परियोजना प्रबंधक प्रमिला कुमारी ने बताया कि अमला को परिजनों से मुक्त कराया गया है. वह रांची आश्रम जाना चाहती है. उसे हेल्पलाइन के सहयोग से आश्रम भेजा जायेगा.

श्रीकृष्णापुरी थाने को अमला की लिखित जानकारी भेजी जायेगी और कानूनी कार्रवाई की जायेगी. श्रीकृष्णापुरी थानाध्यक्ष ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने बताया कि महिला हेल्पलाइन से अगर इस संबंध में लिखित जानकारी आती है, तो कार्रवाई की जायेगी.

जमीन के लालच में बना अत्याचारी

अमला ने बताया कि विमल को इस बात की जानकारी हो गयी थी कि सहरसा टाउन में अमला के नाम से छह कट्ठे जमीन है, जिसकी कीमत लाखों में है. उस जमीन को हथियाने के लिए वह एक साल पहले रांची स्थित आश्रम गया था और भाई-बहन के रिश्ते की दुहाई दे कर उसे अपने फ्लैट में ले आया. उसके बाद से उसने जमीन को लेकर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया.

हाथों में जंजीर डाल करते थे पिटाई

अमला ने बताया कि भाई विमल की पत्नी व उसके बच्चे हाथों में जंजीर लगा कर रखते थे. मुंह में कपड़ा डाल कर पीटते थे. अमला अपनों के दिये दर्द से रो पड़ी . उसने कहा कि एक ही कमरे में करीब एक साल तक बंद थी. खाने को भी समय पर नहीं देते थे.

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