पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रघुराम राजन समिति की रिपोर्ट का स्वागत करते हुए इसे राज्य के लिए जीत बताया और कहा कि इस सकारात्मक रिपोर्ट के बावजूद अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ तालमेल को लेकर अभी वह कोई आश्वासन नहीं दे सकते. यहां जदयू प्रदेश कार्यालय में आज संवाददाताओं से अगले लोकसभा चुनाव में जदयू और कांग्रेस के बीच तालमेल के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि उनकी पार्टी देश के राजनीति हालात पर आगामी 28-29 अक्तूबर को राजगीर में आयोजित चिंतन शिविर में चर्चा करेंगे.
उल्लेखनीय है कि नीतीश ने पूर्व में कहा था जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने में मदद करेगा उनकी पार्टी उसका अगले लोकसभा चुनाव में समर्थन करेगी. नीतीश ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए निर्धारित किए गए मापदंड को बदलने पर उन्होंने जोर दिया था और रघुराम राजन समिति की रिपोर्ट में बिहार को दस सबसे कम विकसित राज्यों की श्रेणी में रखे जाना राज्य जीत है और इससे भविष्य में आर्थिक सहायता के मार्ग प्रशस्त हो गए हैं.
उन्होंने वित्त मंत्री पी चिदम्बरम को इस सकारात्मक रिपोर्ट के लिए धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर होता कि समिति ने राज्यों के पिछडेपन को आंकने के लिए प्रति व्यक्ति उपभोग के बजाय प्रति व्यक्ति आय को मापदंड बनाया गया होता.
रघुराम राजन समिति की रिपोर्ट पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान चलाने और प्रदेश के अन्य जिलों के साथ पटना में तथा बाद में दिल्ली में अधिकार रैली का आयोजन करने वाली जदयू के प्रदेश कार्यालय में आज पार्टी कार्यकर्ताओं ने नीतीश का ढोल-नगाड़े और आतिशबाजी के साथ स्वागत किया.
नीतीश ने कहा कि वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने कहा है कि आगे कदम उठाने के लिए वित्त मंत्रलय रिपोर्ट का अध्ययन करेगा. उन्होंने कहा कि उनकी मांग निर्णायक अंजाम तक जब तक नहीं पहुंच जाती है वह चैन से नहीं बैठेंगे. रघुराम राजन समिति की रिपोर्ट को लेकर विपक्षी दलों द्वारा उन्हें निशाना बनाए जाने की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा कि उन्हें उसकी परवाह नहीं है क्योंकि जनता ने उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बिठाकर जिम्मेदारी सौंपी है. इसलिए वह उनके कल्याण के लिए कटिबद्ध हैं.