पटना: काफी जद्दोजहद के बाद बिहार को दो प्रीमियर संस्थान आइआइटी व एम्स मिले हैं. एम्स में जहां निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, वहीं बिहटा में बन रहे आइआइटी निर्माण पर ब्रेक लग गया है. समान परियोजना, समान मुआवजे की मांग को लेकर बिहटा में किसानों का आंदोलन नौ दिनों से जारी है. इस कारण आइआइटी कैंपस का निर्माण कार्य 26 अगस्त, 2013 से ठप है. आंदोलन के पहले दिन कुछ लोगों ने वहां कार्यरत मजदूरों को काम करने से मना किया था और धमकाया भी था.
उसी दिन से मजदूर काम पर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में आइआइटी पटना प्रशासन ने तीन दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर बिहटा में किसानों के आंदोलन से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया है और हस्तक्षेप कर समस्या के समाधान की मांग की है. यदि निर्माण कार्य शीघ्र शुरू नहीं हुआ, तो आइआइटी पटना पिछड़ जायेगा.
अलग है आइआइटी
बिहटा में बन रहा आइआइटी देश के दूसरे आइआइटी से अलग और बेहतर है. इसे सेंटर ऑफ एक्सलेंस के रूप में बनाने की योजना है. यह एडवांस टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा.
डीएम से मांगेंगे रिपोर्ट
बिहटा में बननेवाले आइआइटी के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर हुए विवाद पर मुख्य सचिव पटना के डीएम से रिपोर्ट मांगेंगे. इसके बाद ही सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जायेगा. मुख्य सचिव ने कहा कि वैसे सरकार पूरे मामले को गंभीरता से देख रही है.