पटना: केंद्र सरकार ने कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने पर विचार किया जा रहा है. राज्यसभा में गुरुवार को अकाली दल के सदस्य सुखदेव सिंह ढिंढसा के सवाल के लिखित जवाब में योजना मंत्री राजीव शुक्ला ने यह जानकारी दी. मंत्री ने कहा कि झारखंड, ओड़िशा और राजस्थान विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए मौजूदा मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं, जबकि बिहार के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री के इस जवाब को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर उस स्थिति में जब केंद्र सरकार संसद से खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित कराना चाहती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि झारखंड, ओड़िशा और राजस्थान के विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के अनुरोध की जांच की गयी. इसके बाद मौजूदा मानदंडों के संदर्भ में विचार-विमर्श करने के बाद पाया गया कि तीनों राज्य विशेष दज्रे के पात्र नहीं हैं. इस संबंध में झारखंड सरकार को जनवरी, 2013 में और ओड़िशा तथा राजस्थान को मई, 2013 में सूचित कर दिया गया है.
श्री शुल्क ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा मिल जाने पर केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी 90 प्रतिशत हो जायेगी. राज्य सरकार को मात्र 10 प्रतिशत ही अपना हिस्सा खर्च करना होगा. इसके अतिरिक्त सात साल तक इन राज्यों में निवेश करनेवाले निवेशकों को केंद्रीय करों में पूरी तरह छूट मिलेगी. इससे निजी क्षेत्र के निवेशकों को बिहार में निवेश के लिए आकर्षण बढ़ेगा.
मंत्री ने बताया कि मौजूदा स्थिति में केंद्रीय अनुदान की 56.25 प्रतिशत राशि 11 विशेष दर्जावाले राज्यों में बंटती है, जबकि शेष 43.75 अनुदान मद की राशि 17 सामान्य राज्यों में वितरित किया जाता है.