पटना: राज्य में करीब एक हजार नयी पंचायतों का गठन होगा. स्थानीय निकायों का अगला चुनाव 2016 में होना है. इससे पहले वार्डो व पंचायतों का पुनर्गठन हो जायेगा. सात हजार की आबादी पर एक पंचायत का गठन किया जाना है. अभी 2001 की जनगणना के आधार पर पंचायतों का गठन किया गया है.
जनगणना की अंतिम सूची जारी
2011 की जनगणना की अंतिम सूची जारी कर दी गयी है. इसमें हर गांव की जनसंख्या का प्रकाशन किया गया है. सैकड़ों पंचायतों की आबादी इतनी हो गयी है कि वहां एक से अधिक पंचायतों का गठन हो सके. पंचायती राज अधिनियम कहता है कि सात हजार की जनसंख्या पर एक मुखिया का निर्वाचन क्षेत्र होगा. पंचायत के अंदर प्रति पांच सौ की आबादी पर एक वार्ड सदस्य का निर्वाचन किया जायेगा. इसी तरह पंचायत समिति के सदस्यों के निर्वाचन के लिए जनसंख्या का निर्धारण किया गया है. पांच हजार की आबादी पर पंचायत समिति के एक सदस्य का निर्वाचन किया जाना है.
जिला पर्षद के सदस्य का चुनाव प्रति 50 हजार की आबादी पर किया जायेगा. सूबे में अभी 8405 पंचायतें हैं. इसी के अनुरूप वार्ड सदस्य और पंचायत समिति के सदस्यों का निर्वाचन किया जाता है. अधिनियम में कहा गया है कि सरकार के आदेश के बाद जिला दंडाधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों का गठन कर सकते हैं.