पटना: राज्य के 16 केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ रहे छह हजार छात्रों की आगे की पढ़ाई पर संकट पैदा हो गया है. जमीन के अभाव में इन विद्यालयों को केंद्रीय विद्यालय संगठन ने बंद करने का मन बनाया है. इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. 2013 से ही केंद्रीय विद्यालयों में धीरे-धीरे नया नामांकन लेना बंद कर दिया गया है.
ऐसे में इन विद्यालयों में पढ़नेवाले छात्रों के अभिभावक यह सोच कर परेशान हैं कि अब वे अपने बच्चों का नामांकन कहां कराएं. सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी में यह बात सामने आयी है. आरटीइ एक्टिविस्ट अजय कुमार ने बताया कि कई केंद्रीय विद्यालय तो सरकारी स्कूल के भवन में चल रहे हैं. ऐसे में क्वालिटी एजुकेशन की बात कैसे की जा सकती है.
बंद होने में लगते हैं छह साल : संगठन के पटना क्षेत्रीय कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार विद्यालय तो स्थानीय राज्य सरकार के आश्वासन पर खुल जाता है, लेकिन इसे बंद होने में कम-से- कम छह साल लग जाते हैं, क्योंकि विद्यालय एक से पांचवें क्लास तक के लिए खोला जाता है. ऐसे में नामांकन लेने के बाद उन छात्रों का भविष्य फंस जाता है. इस कारण नये नामांकन नहीं लेने से इसकी प्रक्रिया शुरू होती है. इसे बंद करने में छह साल लग जाते हैं. कुछ दिनों तक तो ये विद्यालय राज्य सरकार के आश्वासन पर चलते रहे, लेकिन अब इन्हें बंद कर दिया जायेगा.
49 केंद्रीय विद्यालय चल रहे बिहार में : पूरे बिहार में 49 केंद्रीय विद्यालय चल रहे हैं. इनमें कई जगहों पर दो शिफ्ट में केंद्रीय विद्यालयों को चलाना पड़ रहा है. क्षेत्रीय कार्यालय के अनुसार बिहार में केंद्रीय सरकार में नौकरी करनेवाले लोगों की संख्या काफी कम है. ऐसे में राज्य सरकार और लोकल छात्रों को ही केंद्रीय विद्यालय में नामांकन लिया जाता है. बड़े जिलों में तो पांच से छह केंद्रीय विद्यालय खोले गये हैं. पटना जिले में छह केंद्रीय विद्यालय चलते हैं. छात्रों की संख्या को देखते हुए कई विद्यालय तो दो शिफ्ट में चल रहे हैं.
हर साल नये नामांकन पर लग रही रोक
केंद्रीय विद्यालय संगठन हर साल स्कूलों में नया नामांकन बंद करना शुरू कर दिया है. पूर्णिया स्थित एएफएस केंद्रीय विद्यालय में तीन साल पहले ही क्लास वन में नामांकन बंद कर दिया गया था. उसके बाद तीसरे, चौथे और पांचवें क्लास में भी अब नामांकन नहीं लिया जा रहा है. दरभंगा स्थित नंबर-2 केंद्रीय विद्यालय में नये क्लास में नामांकन के साथ दूसरे से लेकर छठे क्लास तक में भी नामांकन प्रक्रिया बंद कर दी गयी है. इसके अलावा बरौनी, लखीसराय, सीआरपीएफ मुजफ्फरपुर के केंद्रीय विद्यालयों में भी नामांकन पिछले साल से बंद कर दिया गया है. क्षेत्रीय कार्यालय के अनुसार 2015 में हाजीपुर केंद्रीय विद्यालय में भी नया नामांकन नहीं लिया जायेगा.
आज फाइल मंगा कर देखूंगी
अभी तो मैंने तीन-चार दिन पहले ही पदभार संभाला है. ऐसे में यह मेरी जानकारी में अभी नहीं है. मैं मंगलवार को इसकी फाइल मंगवा कर देखूंगी. इसके बाद जो बन सकेगा, हम करेंगे. पहले हम देख लेते है.
उषा चौधरी, संयुक्त सचिव, प्राथमिक शिक्षा, बिहार