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पर्यटन के बल पर ही बिहार की तरक्की: मांझी

बोधगया: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार के पर्यटन स्थलों के विकास में केंद्र सरकार मदद करे. अगर केंद्र सरकार थोड़ी सी मदद कर दे, तो हम पर्यटन स्थलों के बल पर बिहार को विकसित राज्य की श्रेणी में खड़ा कर देंगे. मुख्यमंत्री शनिवार को बोधगया में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध समागम […]

बोधगया: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार के पर्यटन स्थलों के विकास में केंद्र सरकार मदद करे. अगर केंद्र सरकार थोड़ी सी मदद कर दे, तो हम पर्यटन स्थलों के बल पर बिहार को विकसित राज्य की श्रेणी में खड़ा कर देंगे.

मुख्यमंत्री शनिवार को बोधगया में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध समागम के उद्घाटन के मौके पर देश-विदेश से आये लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के संदेश से प्रभावित होकर दुनिया के कई देशों के श्रद्धालु बोधगया आते हैं. हमें बौद्ध सर्किट के विकास के लिए केंद्र सरकार से मदद की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों हमारी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई थी. प्रधानमंत्री ने भी बिहार के पर्यटन स्थलों के विकास की इच्छा जतायी थी.

सीएम ने कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपद नाइक से कहा कि आप प्रधानमंत्री से बिहार में पर्यटन स्थलों के विकास के बारे में फिर से याद दिला दीजियेगा. सीएम ने केंद्रीय मंत्री से यह भी कहा कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग(एनएच) को बनाने में बिहार सरकार के एक हजार करोड़ रुपये लगे हैं. यह अब तक केंद्र सरकार के पास बकाया है. आप इसे दिला दें, इसी पैसे से हम एनएच को दुरुस्त कर देंगे, ताकि बिहार आनेवाले पर्यटकों को असुविधा न हो.

थाइलैंड की अर्थव्यवस्था का जिक्र
मुख्यमंत्री ने थाइलैंड का जिक्र करते हुए कहा कि वहां 80 प्रतिशत आमदनी पर्यटकों के सहारे होती है. इसमें बुद्ध के मंदिरों के कारण 70 प्रतिशत व अन्य कारणों से 10 प्रतिशत आय होती है. सीएम ने बिहार में भी बौद्ध सर्किट के भरोसे आमदनी व रोजगार की संभावनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 2005 से हमारी स्थिति में सुधार आया है. उन्होंने कहा कि 2005 में बिहार में 68 लाख देशी व 63 हजार विदेशी पर्यटक आये, जबकि 2013 में देशी पर्यटकों की संख्या दो करोड़ व विदेशी की संख्या सात लाख 65 हजार तक पहुंच चुकी है. सीएम ने दावा किया कि पर्यटन स्थलों के पूर्ण विकसित होने पर बिहार में हर वर्ष 25 करोड़ पर्यटक आयेंगे.

गया के लिए 1500 करोड़ का प्रोजेक्ट

सीएम ने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए सिर्फ गया में 1500 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि फल्गु नदी में बीयर बांध बनाया जायेगा व गया से बोधगया तक नदी के दोनों किनारों पर सड़क बनायी जायेगी. सड़क के किनारे रेस्टोरेंट खोले जायेंगे, नदी में पानी रहने से तीर्थयात्रियों को तर्पण करने में सुविधा होगी व गया में व्याप्त जल संकट भी दूर हो जायेगा. देशी-विदेशी सैलानियों को भी आनंद आयेगा और यहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना होगा. सीएम ने कहा कि प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है व कंसलटेंट के माध्यम से रूपरेखा बनायी जा रही है. पर, बिहार के विकास में केंद्र सरकार को मदद करने की जरूरत है. बिहार सरकार द्वारा प्रस्तुत प्रोजेक्ट पर सहमति देनी होगी व आर्थिक सहयोग भी करना होगा. सीएम ने ढ़ूंगेश्वरी व ब्रrायोनि पर रोप वे लगाने के साथ ही गया हवाई अड्डा से देश के दूसरे शहरों को जोड़ने व हवाई सेवा शुरू कराने की योजना से भी अवगत कराया. इससे पहले सीएम ने बौद्ध समागम में आये विभिन्न देशों के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि आप आये, बिहार सरकार आपकी सेवा में तत्पर है. हम सुविधाओं व सुरक्षा के प्रति गंभीर हैं.

2017 में होगा सिख समागम

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में पटना में देश-दुनिया के सिख आयेंगे. सिख समागम का आयोजन होगा. इसके लिए हमें करोड़ों रुपये की जरूरत है. केंद्र सरकार इस कार्य में सहयोग करे, ताकि दुनिया भर से आनेवाले लाखों सिखों की सुविधा में कमी नहीं होने पाये. इसके लिए हमने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है.

बुद्ध ने यूपी से दिया संदेश

बौद्ध समागम में आये उत्तर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री शिवकांत ओझा ने कहा कि बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद यूपी की धरती (सारनाथ)से ही पहला संदेश दिया था. उन्होंने यह भी कहा कि बुद्ध ने अंतिम सांस भी यूपी में ही (कुशीनगर) ली थी. उन्होंने बौद्ध स्थलों के विकास में यूपी सरकार की भूमिका का जिक्र किया व कहा कि स्थलों को विकसित किया जा रहा है. उन्होंने यूपी को भगवान राम व भगवान कृष्ण की भी धरती बताया व कहा कि यूपी में पर्यटन सुविधा पर आनेवाले खर्च में 30 प्रतिशत की छूट देने का प्रस्ताव पारित किया गया है. मंत्री ने समागम में आये प्रतिभागियों (टूर ऑपरेटरों) को यूपी में बहाल सुविधाओं की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 1800 करोड़ रुपये से सारनाथ व कुशीनगर का विकास किया जायेगा. साथ ही कुशीनगर में 220 फुट ऊंची बुद्ध की मूर्ति बनाने की योजना है.

2015 से पर्यटकों के लिए स्पेशल ट्रेन

केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने घोषणा की कि 2015 से बौद्ध सर्किट (बोधगया-सारनाथ-राजगीर) के लिए वातानुकूलित स्पेशल ट्रेनें चलायी जायेंगी. इसमें पर्यटकों की मांग के मुताबिक भोजन की भी व्यवस्था होगी. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि बौद्ध सर्किट के विकास के लिए केंद्र सरकार ने 100 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनायी है. इस दिशा में कार्य शुरू भी कर दिया गया है. श्री नाइक ने कहा कि बिहार तो चंद्रगुप्त के काल से ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. यहां हिंदू, सिख, जैन व बुद्ध धर्मो का महत्वपूर्ण स्थान रहा है. उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों, मुख्य रूप से बौद्ध सर्किट का विकास करना सरकार का लक्ष्य है. इससे आय के साथ-साथ रोजगार भी बढ़ेगा. उन्होंने पर्यटन स्थलों को विश्वस्तरीय बनाने की सरकार की मंशा से अवगत कराया व कहा कि होटल, रेल मार्ग व हवाई मार्ग सहित सड़कों के विकास पर काम किया जायेगा. उद्घाटन समारोह में स्वागत भाषण राज्य सरकार के विकास आयुक्त एसके नेगी ने दिया व धन्यवाद ज्ञापन केंद्रीय पर्यटन सचिव ने किया. कार्यक्रम का उद्घाटन बौद्ध भिक्षुओं द्वारा सूत्र पाठ व दीप प्रज्वलित कर किया गया. समारोह में बिहार पर्यटन मंत्री डॉ जवेद इकबाल अंसारी, पंचायती राज मंत्री विनोद प्रसाद यादव, नगर क्षेत्र के विधायक डॉ प्रेम कुमार सहित अन्य मौजूद थे.

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