मोतीपुर का एक किराना व्यवसायी रविवार को दिन में करीब 12 बजे माओवादियों से भिड़ गया. हालांकि इस दौरान ग्रामीणों के बीच वो ही घिर गया और ग्रामीणों ने उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया. व्यवसायी के साथ उसके दो सहयोगियों को भी पकड़ा गया है, जिन्हें लेकर व्यवसायी माओवादियों को लेवी के रूप में 80 हजार रुपये देने पहुंचा था. वहां पर दो युवकों को देख व्यवसायी व उसके सहयोगी उनसे भिड़ गये. इसी बीच पास में छुपे छह और माओवादी मौके पर आ गये. दोनों के बीच भिड़ंत होने लगी, जिसे ग्रामीणों ने दो गुटों की लड़ाई समझ लिया. इस दौरान ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तो माओवादी मौके से फरार हो गये. अब पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है.
मोतीपुर (मुजफ्फरपुर): सिसवां गांव का रहनेवाला व्यवसायी विनोद चौधरी रविवार को कथैया थाने के सिरसियां पहुंचा था. उसके साथ दो सहयोगी भी थे. विनोद चौधरी को माओवादियों को लेवी के रूप में 80 हजार रुपये देने थे. इसकी बात माओवादियों ने फोन पर विनोद से तय की थी. साथ ही ये हिदायत दी थी कि पुलिस को सूचना दी, तो जान से हाथ धोना पड़ेगा. विनोद ने पूरे मामले की सूचना पुलिस को नहीं दी थी. उन्होंने अपने मौसा को इसकी जानकारी दी थी, जो लखनौरी गांव के रहनेवाले हैं. विनोद का कहना है, उनके मौसा ने सुजीत कुमार व नंदलाल को भेजा था. उन्हें साथ लेकर वो लेवी देने के लिए पहुंचा था. विनोद का कहना है, वो इन युवकों के बारे में ज्यादा नहीं जानता है.
प्लेटिना से थे आये. दिन में लगभग बारह बजे तय स्थान पर विनोद पहुंचा. वहां पर जैसे पहले से बताया गया था, दो युवक प्लेटिना मोटरसाइकिल पर बैठे थे. इनमें एक लाल व एक काला हेलमेट लगाये थे. माओवादियों से तय बातचीत के मुताबिक विनोद को इन्हें लेवी के रुपये देने थे, लेकिन मौके पर पहुंचे विनोद को लगा कि युवक दो हैं, जबकि हम तीन लोग, क्यों उक्त दोनों को दबोच लिया जायेगा.
होने लगी भिड़ंत
विनोद जब दोनों युवकों की ओर बढ़ा और उन्हें पकड़ना चाहा. इसी को लेकर दोनों के बीच भिड़ंत हो गयी. ये देखते ही आसपास छिपे तीन अन्य बाइक पर सवार छह लोग और मौके पर आ गया. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उक्त लोगों के हाथ में हथियार थे, जिन्हें वो हवा में लहरा रहे थे. इन लोगों ने व्यवसायी व उसके सहयोगियों की पिटाई शुरू कर दी.
15 को आयी थी चिट्ठी
विनोद चौधरी ने बताया, 15 सितंबर को बाइक सवार दो युवक उसके घर आये थे, तब वो घर में मौजूद नहीं थी. पिता सरभू चौधरी को दोनों ने एक लिफाफा सौपा था. तब दोनों ने कहा था, ब्लॉक से चिट्ठी आयी है. ये कहने के बाद दोनों युवक चले गये थे. सरभू से उक्त दोनों युवकों ने कहा था, लिफाफा विनोद चौधरी को दे दीजियेगा.
बुलाया था सिरिसियां
विनोद ने जब लिफाफा खोला, तो उसमें एक लाख रुपये की लेवी माओवादी अमित की ओर से मांगी गयी थी. इसी बीच अमित का फोन विनोद चौधरी के फोन पर आया और उसने लेवी के रुपये पहुंचाने के लिए कहे. साथ ही पुलिस को किसी तरह की सूचना नहीं देने की हिदायत दी. कहा, अगर पुलिस को जानकारी दोगे, तो तुम्हे जिंदगी से हाथ धोना पड़ेगा. इसके बाद अमित ने विनोद चौधरी की बात हुई और 80 हजार पर बात तय हुई. अमित कुमार ने सिरसियां में पैसे लेकर आने को कहा. विनोद ने बताया कि खुद को माओवादी नेता बताने वाले अमित ने उसे बताया कि प्लेटिना गाड़ी पर सवार दो युवक मिलेंगे, जो लाल व काला हेलमेट पहने होंगे. उन्हें पैसे दे देना.
मोटरसाइकिल से खुलेगा राज
देर शाम पूछताछ के लिए व्यवसायी विनोद समेत उसके दोनों सहयोगियों को मुजफ्फरपुर लाया गया था, जहां पुलिस अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे थे. इस दौरान विनोद के परिजनों की ओर से वो चिट्ठी भी सौपी गयी, जिससे माओवादियों ने उससे लेवी की मांग की थी. साथ ही माओवादी अमित से बातचीत का रिकार्डिग भी पुलिस को विनोद की ओर से दी गयी है. वहीं, पुलिस अधिकारी विनोद चौधरी के साथ गये दोनों युवकों को संदिग्ध माने रहे हैं. इनमें सुजीत नाम के युवक का कहना है, वो मुजफ्फरपुर में पढ़ता है, जबकि नंदलाल का कहना है. वो ट्रैक्टर व जेसीबी मशीन चलवाता है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. इसमें बरामद दो मोटरसाइकिलों से मदद मिलेगी, जो माओवादियों की बतायी जा रही हैं.
पिता पर चली थी गोली
विनोद चौधरी के पिता सरभू चौधरी पर लगभग चार साल पहले गोली चली थी. गोली उस समय चली थी, जब सरभू मुरारचौक से गांव जाने के लिए मुड़े थे. मोटरसाइकिल सवार तीन अपराधियों ने गोली चलायी थी, लेकिन सरभू को गोली नहीं थी. उस घटना के बाद से सरभू का परिवार सहमा-सहमा रहता है. ग्रामीणों का कहना है, गांव में इस परिवार से किसी से किसी तरह सा विवाद नहीं है. विनोद चौधरी का किराना के साथ चावल का कारोबार है.
भाग गये माओवादी
जब दोनों ओर से मारपीट होने लगी, तो आसपास के ग्रामीणों को लगा कि दो गुटों के बीच मारपीट हो रही है. कुछ ग्रामीण जब मौके पर पहुंचे, तो माओवादी वहां से फरार हो गये. व्यवसायी व उसके दोनों सहयोगी भी भागने लगे, लेकिन ग्रामीणों ने इन तीनों को दौड़ा कर पकड़ लिया. मौके पर माओवादियों की दो मोटरसाइकिल छूट गयी थी. इनमें वो प्लेटिना गाड़ी भी है, जिससे लेवी लेने के लिए माओवादी पहुंचे थे. ग्रामीणों ने तीनों को कथैया पुलिस के हवाले कर दिया. मौके से जब्त चार मोटरसाइकिलों में से किसी एक से दो पिस्तौल, तीन जिंदा कारतूस बरामद किये गये.