पटना: बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में एनआइए ने पटना की विशेष अदालत के जज विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह के कोर्ट में गुरुवार को तीन आरोपियों हैदर अली उर्फ ब्लैट ब्यूटी, मुजीबुल्लाह अंसारी व तौफिक अंसारी के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है. इसके पहले इस मामले में इम्तियाज अंसारी, अजहरुद्दीन कुरैशी व उमर सिद्दीकी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हो चुका है. एनआइए ने अपने अनुसंधान में पाया कि हैदर अली ही इस कांड का मास्टरमाइंड है और वह ‘सिमी’ का सक्रिय सदस्य है. वह अन्य सदस्यों को आर्थिक सहयोग करता था.
बोधगया ब्लास्ट के 10 दिन पहले ही उसने अपने अन्य सहयोगियों के साथ विस्फोटक पदार्थ, सिलिंडर, लोटस वाच, तार का बंडल लाकर इम्तियाज के रांची स्थित इरम लॉज के कमरे में रख दिया था. हैदर के निर्देश पर इम्तियाज ने ब्लास्ट के दो-तीन दिन पहले अपने अन्य सहयोगियों के साथ बम का दो-तीन बार परीक्षण भी किया था. छह जुलाई, 2013 को इम्तियाज, तारिक व तौफिक काले रंग के बैग में बम लेकर रांची के बस स्टैंड पर पहुंच गये थे.
नुमान अंसारी तबीयत खराब होने के कारण उनलोगों के साथ नहीं जा सका था. रांची के बस स्टैंड में पहले से ही हैदर व मुजीबुल्लाह इंतजार कर रहे थे और हैदर द्वारा खरीदे गये टिकट से सभी तड़के तीन बजे सुबह बोधगया प्राइवेट बस स्टैंड पहुंचे थे. तौफीक व तारिक ने 80 फुट की बुद्ध की मूर्ति पर बम लगाया था. हैदर ने महाबोधि मंदिर के निकट बम प्लांट किया था, जबकि इम्तियाज व मुजीबुल्लाह ने टेरगर मॉनिस्ट्री व बस स्टैंड के पास बम लगाये थे. एनआइए ने पाया कि बोधगया व पटना ब्लास्ट के सभी विस्फोटक पदार्थ इम्तियाज अंसारी ने रांची में स्थित अपने घर पर तैयार किया था और इरम लॉज में आरोपितों ने बम विस्फोट की योजना बनायी थी.
विस्फोट करने के बाद इम्तियाज व मुजीबुल्लाह ऑटो से बाइपास रोड पहुंचे, जहां तारिक व तौफीक खड़े थे. इसके बाद वे सभी टेंपो से बस स्टैंड चले गये. वहां से वे लोग हजारीबाग गये और फिर रांची के सिठियो गांव पहुंच गये. हैदर दो दिन बाद वहां पहुंचा.
क्या है मामला : सात जुलाई, 2013 की सुबह बोधगया में 13 बम प्लांट किये गये थे, जिनमें से 10 विस्फोट हुए और तीन जिंदा बम बरामद कियेगये थे. उक्त घटना पर महाबोधि मंदिर परिसर के आरक्षी राजेंद्र यादव के लिखित बयान पर उसी दिन मामला दर्ज किया गया था.एनआइए ने 10 जुलाई,2013 को अनुसंधान शुरू किया. इस विस्फोट की घटना को अंजाम देने के बाद आतंकियों ने पटना में सीरियल ब्लास्ट को भी अंजाम दिया था. इनका मुख्यउद्देश्य समाज में दहशत फैलाना व बदला लेना था.