पटना: अब बिना डॉक्यूमेंट के भी बैंकों में खाता खुल सकेगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने आम लोगों को बैंकिंग सेवा से जोड़ने के लिए नयी पहल की है. ऐसे लोगों को बैंक में खाता खोलते समय बैंक के अधिकारियों के सामने हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान के साथ स्व अभिप्रमाणित कर फोटोग्राफ देना होगा.
ऐसे एकाउंट को स्मॉल एकाउंट का नाम दिया गया है. शर्त यह है कि ऐसे खातों में साल भर में एक लाख रुपये से अधिक की राशि नहीं होनी चाहिए. साथ ही किसी भी समय खाते में 50,000 से अधिक बैलेंस नहीं होना चाहिए. ऐसे खाताधारक महीने में 10 हजार से अधिक राशि की निकासी नहीं सकेंगे. बिना कागजात के खाता खोलनेवालों की वैधता एक साल की होगी.
ऐसे खातों को एक साल के लिए अवधि विस्तार की जायेगी. खाताधारक को यह लिख कर देना होगा कि उसने वोटर आइडी, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि के लिए आवेदन किया है, उसका कोई डॉक्यूमेंट देना होगा. आरबीआइ ने बैंक खाता स्थानांतरण के मामले में भी बदलाव किया है. उदाहरण के रूप में कोई ग्राहक रांची से बैंक खाता स्थानांतरण करा कर पटना आता है, तो फिर ऐसे ग्राहकों का दुबारा केवाइसी नहीं होगा. बस उन्हें एक कागज में लिख कर देना होगा कि वे इस पते पर रहते हैं, ताकि इसे पते पर कोई कागज भेजा जाये, तो मिल जाये.
स्थायी पते पर भी खुलेगा
कोई भी मजदूर या प्रवासी कर्मचारी नये जगहों पर जाकर अगर बैंक खाता खुलवाता है, तो उन्हें वर्तमान पते या स्थायी पते का प्रमाण पत्र देना होगा. वर्तमान पता का प्रूफ नहीं होने की स्थिति में स्थायी पता का प्रूफ देना होगा. तत्काल घोषणा पत्र देना होगा कि वह इस वर्तमान पते पर रहता है. पहले खाता खुलवाते समय बैंक को फोटो आइडी व एड्रेस प्रूफ देना होता था. अब इसमें भी बदलाव किया गया है. एक ही डॉक्यूमेंट में फोटो व एड्रेस प्रूफ रहने पर वह डॉक्यूमेंट मान्य होगा. केवाइसी के लिए ग्राहक पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आइडी कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, नरेगा जॉब कार्ड दे सकते हैं.
आरबीआइ ने केवाइसी को सरल किया है, ताकि कोई भी व्यक्ति बैंकिंग सुविधा से वंचित न रहे.
मनोज कुमार वर्मा, क्षेत्रीय निदेशक (बिहार-झारखंड), आरबीआइ