पटना : नक्सली नेताओं की देश भर में फैली चल-अचल संपत्तियों पर केंद्र की जांच एजेंसियों की नजर पड़ गयी है. इनमें वैसी संपत्तियों को भी शामिल किया जायेगा, जो उनके परिजनों के नाम पर भी होगी. महानगरों व बड़े शहरों में बेनामी संपत्तियों पर भी नजर है.
केंद्र सरकार ने ऐसे नक्सली नेताओं की संपत्ति का खुलासा कर उन्हें जब्त करने की पूरी रणनीति तैयार क र ली है. गरीबों के लिए लड़ने का दावा करनेवाले नक्सली नेताओं को अब गरीबों के सामने ही एक्सपोज किया जायेगा.
कई बड़े नक्सली घेरे में : भाकपा (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी के सदस्य रहे प्रमोद मिश्र, झारखंड में मिसिर बेसरा समेत ऐसे कई नक्सली नेताओं की संपत्ति की जांच की तैयारी है, जो नक्सलियों द्वारा बड़े-बड़े ठेकेदारों, सरकारी एजेंसियों, बड़े व्यवसायी तथा कॉरपोरेट घरानों के साथ आम लोगों से लेवी की रकम वसूलते रहे हैं. हालांकि दोनों नक्सली नेता इन दिनों न्यायिक हिरासत में हैं.
प्रमोद मिश्र को पुलिस ने झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार किया था, जबकि मिसिर बेसरा भी इन दिनों जेल में है. मिसिर बेसरा वह बिहार और झारखंड से हर महीने 40 करोड़ रुपये की लेवी वसूल करता था, जबकि एक और नक्सली नेता सहेंद्र भुइयां भी लेवी वसूली अभियान का कर्ता-धर्ता रहा था और लेवी विवाद में उसके ही साथियों ने पिछले दिनों उसकी हत्या कर दी थी.