सुभई से मिथिलेश
दो दशक बाद एक मंच पर आये नीतीश-लालू का भाजपा पर हमला
करीब 20 साल बाद चुनावी मंच पर एक साथ आये पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने गरीब-गुरबे और सामाजिक न्याय की धारा को एकजुट करने का आह्ववान किया है. विधानसभा उपचुनाव में सोमवार को हाजीपुर के सुभई में पहली संयुक्त सभा को संबोधित करते हुए दोनों नेताओं ने कहा कि देश गलत लोगों के हाथों में चला गया है.
देश को बचाने की जरूरत है. इसीलिए हम दोनों ने भाजपा से मुकाबले के लिए अपने मतभेद भुला दिये.भादो की उमस भरी दुपहरिया में उपस्थित जन समुदाय के बीच लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार को अपना छोटा भाई बताते हुए कहा कि हम दोनों कपरूरी ठाकुर की झोंपड़ी से निकले हुए एक ही परिवार के हैं. लालू ने यूपी में मायावती और मुलायम से भी शीघ्र गंठबंधन करने का सुझाव दिया. दोनों की सभा मोहिउद्दीननगर में भी हुई.
अब हम हुए हैं एकजुट ठगायेंगे नहीं : नीतीश
महागंठबंधन की घोषणा के बाद पहली बार लालू प्रसाद की मौजूदगी में पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर हमला किया. नीतीश ने कहा कि कुछ लोगों के सिर सत्ता का नशा चढ़ कर बोल रहा है.
नीतीश कुमार ने कहा कि देश गलत हाथों में चला गया है. पहली बार दिल्ली की सत्ता उनलोगों के हाथों में है, जिनके पूरखों की भूमिका आजादी की लड़ाई में नहीं रही है. नीतीश ने कहा कि भाजपा ने चुनाव के समय अच्छे दिन आने के वादे किये थे. अब अच्छे दिन का लोग इंतजार ही कर रहे हैं. नीतीश ने एक प्रचार का किस्सा सुनाया. कहा कि ‘ एक जगह लिखा था- साहेब पेट्रोल सस्ता है.
नीचे लिखा था-टमाटर से. वादा किया था महंगाई और भ्रष्टाचार मिटाने का, पर महंगाई और बढ़ ही रही है. लोगों के अच्छे दिन तो नहीं आये, भाजपा के कुछ लोगों के अपने दिन जरूर आ गये. करीब 22 मिनट के अपने संबोधन में नीतीश ने कहा कि कई दिनों से यह अटकलें लग रही थीं लालू के साथ नीतीश जायेंगे कि नहीं. आज सभी अटकलों पर विराम लग गया है.
नीतीश ने कहा, पहले से ही तय था साथ निक लेंगे. जब तक भाजपा की राजनीतिक इरादों को विफल नहीं कर देंगे, चैन से नहीं बैठेंगे. सबको समझ लेना चाहिए कि चाहे लोग मेरा कितना मजाक उड़ाएं या लालू जी का कितना मजाक उड़ाएं, हमलोग साथ खड़े हैं और भी साथ-साथ सभाएं होंगी. उन्होंने कहा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सबसे अधिक परेशानी लालू जी और हमसे ही है.
हमलोग तो सत्ता से बाहर हैं, क्यों परेशानी है, वह इस ताकत को समझते हैं. हमलोग एकजुट होंगे, समाज के किसी भी वर्ग की उपेक्षा नहीं होगी. ऊंची जाति, पिछड़े, अति पिछड़े, दलित और महादलित एवं आदिवासी समाज, सबकी ताकत की बदौलत मजबूत समाज और देश बनेगा. हमारी ताकत बढ़ेगी और अपनी ताकत को एक करेंगे. नीतीश जारी थे, मैं देख रहा हूं कि लोगों पर सत्ता का नशा चढ़ गया. न जाने कितनी अफवाहें फैलायी गयीं. लेकिन, इतने कम वोट पर कभी भी पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनी. लेकिन, प्रचार ऐसा किया जा रहा कि प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनी.
इस विवाद में हम नहीं पड़ना चाहते. हमने पहले भी कहा था कि सरकार चलाना आसान है, लेकिन देश चलाना कठिन होगा. लोग आकर बताते हैं कि कितना उन्मादी प्रचार हुआ. कहा गया कि इधर सरकार बनी और उधर पाकिस्तान पर कब्जा हो जायेगा. करोड़ों लोगों को खदेड़ दिया जायेगा. समाज को बांटने की कोशिश हो रही. नीतीश ने लालू के साथ एकजुट होने की चर्चा करते हुए कहा कि हम सत्ता में रहें या बाहर, सत्ता तो आने-जाने वाली चीज है. सबसे बड़ा देश है. समाज मजबूत रहे.
नीतीश ने अपने संबोधन में पंडित नेहरू, डॉ लोहिया, डॉ आंबेडकर, सरदार पटेल और जेपी का नाम लिया. उन्होंने कहा कि यह धरती कांग्रेस, सोशलिस्ट और क्रांतिकारियों की जमीन रही है. वैशाली ने जहां दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया, हमलोग भी यहां से संदेश देना चाहते हैं. भाजपा उन्माद फैलाना चाहती है. पहली बार 1967 में कांग्रेस के खिलाफ एकजुटता हुई थी. नौ राज्यों में कांग्रेस पराजित हुई.
उस बार खतरा कांग्रेस से था. आज कांग्रेस से खतरा नहीं है. कांग्रेस सत्ता से बाहर है. वैसी ताकत का कब्जा देश पर हा गया है, जिनकी कोई सिद्धांत नहीं. अब हमलोग एकजुट हुए हैं, ठगायेंगे नहीं. नीतीश ने लोकसभा चुनाव परिणाम को याद दिलाते हुए कहा कि हमने मुख्यमंत्री का पद नैतिकता के आधार पर छोड़ दिया. जनता से मजदूरी मांगी थी, नहीं मिली.
मुझमें ही खोट रहा होगा. जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने. राजद, भाकपा, कांग्रेस ने समर्थन दिया. राज्यसभा उपचुनाव में पहली बार बिहार में गंदा खेल खेला गया. भाजपा ने नारा दिया बिहार पर कब्जा करो. हमलोगों ने इस बात को समझा. एकजुट होकर उनके इरादों पर पानी फेरना होगा.
भाजपा को सत्ता से कर देंगे बेदखल : लालू
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि छोटे भाई नीतीश कुमार के साथ हमारे मतभेद खत्म हो गये हैं. भाजपा की कमंडल के खिलाफ मंडलवादियों को एकजुट होने की उन्होंने अपील की. सुभई में उपस्थित भीड़ से उन्होंने कहा, आपलोगों ने हमलोगों को बहुत सिखाया है. हमलोग सब इकट्ठा हैं. हाजीपुर से बोहनी होनी चाहिए.
लालू ने कहा, हमारी भी उम्र हो चली है. यह पहली सभा है. हम और भी सभा साथ-साथ करेंगे. उन्होंने महागंठबंधन के बारे में कहा, जब छोटे भाई नीतीश कुमार ने मुङो इशारा किया, तो मुङो लगा कि दाल में जरूर कुछ काला है. अब हम एकजुट होकर भाजपा को सत्ता से बेदखल कर देंगे. हमारे गंठबंधन का मैसेज सभी राज्यों में गया है. हमारा वोट 45} है. अमित शाह ने कहा कि लालू की गोद में बैठ गये हैं. बड़ा भाई की गोद में नहीं बैठेगा तो तुम्हारी गोद में बैठेगा.
लालू ने कहा, भाजपा कह रही दुनिया में डंका बज रहा. पता नहीं कौन बजा रहा. सच्चई यह है कि नरेंद्र मोदी देश के लिए अशुभ हैं. जिस दिन सवा छह बजे नरेंद्र मोदी ने शपथ ली, वह समय भी शुभ नहीं था. वह गदवेश का समय था. जिस दिन शपथ ली, ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. अगले दिन उत्तराखंड में हैदराबाद के बच्चे- बच्चियां बह गये. नेपाल गये, तो वहां पहाड़ टूट गया, कई लोग मारे गये. बिहार पर भी खतरा उत्पन्न हो गया.
लालू ने कहा, अब गरीब के बच्चे आइएएस-आइपीएस नहीं बनेंगे. केंद्र सरकार ने सीसैट ला दिया है. उन्होंने कहा, जिन लोगों का देश की सत्ता पर कब्जा हुआ, वे आजादी की लड़ाई तो दूर, आपातकाल में भी जेल नहीं गये. जिस समय हजारों लोग मीसा के तहत जेल में बंद थे, उस समय आरएसएस के बहादुर लोगों ने इंदिरा गांधी के समर्थन में आ खड़े हुए. लालू ने समझाया, हम बिखर गये थे, लड़ रहे थे, बंट गये थे.
इन्हीं चीजों को खोजते रहे और देश गलत हाथों में चला गया. लालू ने कहा, भाजपा ने ठगा. हर हाथ को काम, हर खेत को पानी. बिहार में सूखा आ गया, अब लाओ पानी, कहां से लाओगे. लालू ने कहा कि आपलोग गणोश जी को दूध पिलानेवाली पार्टी के चक्कर में पड़ गये. आप लोगों ने अच्छा काम नहीं किया. फेसबुक, मोबाइल की दुनिया में जीनेवाले युवा, पीठ पर बैग लाद कर चलनेवाले लड़कों ने लालू के बाप-दादों के दर्द को नहीं समझा. लड़कों ने मम्मी-पापा को समझाया, अब पुणो में नौकरी लग जायेगी. नमो आ गये. लेकिन, ‘दही चूड़ा राज के-वोट सुराज के’ वाली कहावत हो गयी. वोट हमारा और सरकार बन गयी भाजपा की.
लालू ने कहा, हमारे पार्टी में ऐसे नेता हैं, जिनके कपड़े में गंदा लग जाता, वे गरीबों की झोपड़ी की ओर नहीं गये. जबकि संघ के वर्कर मजदूर के वेश में गांव में बैठ गया.