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दिल्ली से भी जुड़े अवैध दवाओं के गोरखधंधे के तार, चार गोदाम सील

पटना: गोविंद मित्र रोड की न्यू हनुमान एजेंसी में मिली दवाओं के तार दिल्ली से जुड़ने के बाद अब पटना पुलिस की टीम दिल्ली जायेगी. औषधि नियंत्रक विभाग की टीम ने एजेंसी के चारों गोदाम को सील कर दिया है और उन सभी गोदाम के मकान मालिक को इसे देखने की जिम्मेवारी दी गयी है. […]

पटना: गोविंद मित्र रोड की न्यू हनुमान एजेंसी में मिली दवाओं के तार दिल्ली से जुड़ने के बाद अब पटना पुलिस की टीम दिल्ली जायेगी. औषधि नियंत्रक विभाग की टीम ने एजेंसी के चारों गोदाम को सील कर दिया है और उन सभी गोदाम के मकान मालिक को इसे देखने की जिम्मेवारी दी गयी है.

विभाग की टीम ने निर्देश दिया है कि अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी सील करने के बाद सामने आती है तो उन्हें भी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा. छानबीन और मिले दस्तावेज के बाद औषधि नियंत्रक विभाग को इस बात की जानकारी मिली थी कि अवैध दवाएं दिल्ली से काफी मात्र में पटना आयी थीं और वहां के 11 दुकानदार व वितरक इस गोरखधंधे में शामिल हैं. पकड़ी गयी दवाओं में विभिन्न कंपनियों के वैक्सीन सबसे अधिक दिल्ली से पटना आये थे.

विभाग की ओर से पीरबहोर थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में इस बात का जिक्र करते हुए उन सभी 11 दुकानदारों के शामिल होने की जानकारी दी गयी है. इसके साथ ही न्यू हनुमान एजेंसी से व्यापार करने के तमाम साक्ष्य भी पुलिस को सौंप दिया गया है. पटना पुलिस अब उन दुकानदारों की संलिप्तता की जांच करेगी और उसके बाद आगे की प्रक्रिया करते हुए गिरफ्तारी की जायेगी. मामले की जांच करने के लिए पटना पुलिस दिल्ली जायेगी. पीरबहोर थानाध्यक्ष निसार अहमद ने बताया कि मामले की जांच करने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

बिहार के प्राय: सभी जिले में धंधा : न्यू हनुमान एजेंसी से बिहार के प्राय: तमाम जिलों के दो से लेकर चार दुकानदार व वितरक जुड़े थे. इससे संबंधित कागजात औषधि नियंत्रक विभाग की टीम को हाथ लगे हैं. इन सभी कागजात को पटना पुलिस को उपलब्ध करा दिया है. प्राथमिकी में इस बात का जिक्र है कि अलग-अलग जिलों के वितरक भी इस धंधे में शामिल हैं. उन वितरकों के नाम पर क्रय की गयी दवाएं भी न्यू हनुमान एजेंसी के गोदाम से मिली थीं. ये दवाएं हाजीपुर, बेगूसराय, मोतिहारी के नामी-गिरामी कंपनियों के वितरक की थी. लेकिन ये दवाएं वहां पहुंचने के बजाय गोविंद मित्र रोड में स्थित न्यू हनुमान एजेंसी के गोदाम में पहुंच गयीं. पुलिस को दिये गये आवेदन में औषधि नियंत्रक विभाग ने एक्सपायरी व फिजिशियन सैंपल की दवाओं के खेल की भी विस्तृत जानकारी दी गयी है. यह बताया गया है कि किस तरह से एक्सपायरी दवाओं को रबड़ स्टांप की मदद से उनके मैन्यूफैरिंग डेट व एक्सपायरी डेट की तिथि में परिवर्तन कर उसे बाजार में भेजा जाता है.

दो सौ दवाओं के सैंपल पुलिस को सौंपे : औषधि नियंत्रक विभाग की टीम ने पीरबहोर पुलिस को विभिन्न कंपनियों की दो सौ दवाओं के एक-एक सैंपल को पुलिस को सौंपा है. साथ ही पकड़े गये 233 रबड़ स्टांप को भी सौंप दिया गया है. ये रबड़ स्टांप मैन्युफैंक्चरिंग डेट को बदलने व मूल्य निर्धारित करने में उपयोग किया जाता था.

अस्पतालों से गायब दवाओं की जांच आज से
जय हनुमान दवा एजेंसी से मिले साक्ष्य के बाद इसकी भी पुष्टि हो गयी कि सरकारी अस्पतालों के भंडारों से दवाएं गायब हो रही हैं. इसकी जांच शुक्रवार से की जायेगी. विदित हो कि गोदाम में बीएमएसआइसीएल द्वारा अस्पतालों में भेजी गयी दवाएं भी थोक मात्र में मौजूद थीं. इनमें बरसात में मरीजों के इलाज में काम आनेवाली अधिकांश दवाएं मौजूद हैं. पीएमसीएच के नजदीक बनी इस दवा मंडी के भंडार में पकड़ी गयी दवाओं में से सबसे अधिक शक की सूई पीएमसीएच की तरफ जा रही है, लेकिन इसकी पुष्टि किसी की गिरफ्तारी के बाद ही संभव है. औषधि विभाग ऐसे भंडारों की जांच के लिए कॉरपोरेशन को बैच की लिस्ट भेजी गयी है.

बाजार में एक करोड़ की एक्सपायरी दवाएं
छापेमारी के दौरान पकड़े गये फिजिशियन सैंपल का रैपर बदला जाता है और रैपर में दवा की एक्सपायर होने की तारीख भी बढ़ायी जाती है. ऐसी दवाओं का आंकड़ा एक करोड़ के लगभग है, जिनको बाजार में बेच दिया गया है. वहीं नकली दवाओं की जांच भी विभाग अपने स्तर से कर रहा है. जानकारी के मुताबिक छापेमारी के दौरान तीन हजार तरह की दवाएं मिली हैं, जिन्हें सील कर दिया गया है.

30 पन्नों की है प्राथमिकी
औषधि नियंत्रक विभाग की ओर से प्राथमिकी के लिए जो आवेदन दिया गया है, वह 30 पन्नों का है, जिसमें विभाग द्वारा किये गये अनुसंधान और उसके बाद मिले साक्ष्य के आधार पर 79 दवा दुकानदारों की संलिप्तता की जानकारी दी गयी है.

ये धाराएं लगीं
ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट : 27 ए, 27 बी, 27 डी, 28 ए, 30 ए, 30 सी, 36 एसी. आइपीसी : 120 बी, 274, 275, 276, 284, 419, 420, 413, 414, 485, 484. अन्य : एनडीपीएस एक्ट, आर्थिक अपराध, टैक्स चोरी, सेल्स टैक्स चोरी.

मामला दर्ज करा दिया गया है. सरकारी दवाएं कहां से निकली हैं, उनके बारे में कॉरपोरेशन से पूछा गया है. शुक्रवार से सरकारी अस्पतालों के भंडारों की जांच होगी. इसके बाद बिहार के संबंधित कारोबारियों की दुकानों को सील करने की प्रक्रिया भी दो दिनों में शुरू हो जायेगी.

हेमंत कुमार, स्टेट ड्रग कंट्रोलर

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