पटना: इराक कीनिर्माण कंपनियों में मजदूरी के लिए गये भारतीय भी खतरा महसूस कर रहे हैं. कई लौट आये हैं और कई फंसे हुए हैं. कंपनी बंद हो गयी है. वेतन नहीं मिलने से लोगों की आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है.
इराक में फंसे बिहार के 30 लोगों को भारतीय दूतावास ने पहले दिल्ली लाया. बाद में एयर इंडिया 415 की फ्लाइट से पटना एयरपोर्ट भेजा गया. पटना तो आ गये, लेकिन घर जाने के लिए उनकी जेब में फूटी कौड़ी भी नहीं थी. इसके के लिए दूतावास व स्थानीय प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की. इस कारण चार घंटे तक उन्हें पटना एयरपोर्ट पर फजीहत ङोलनी पड़ी.
छह माह पहले गये थे : इराक से लौटे लल्लन यादव ने बताया कि छह माह पहले हमलोग विभिन्न कंस्ट्रकशन कंपनियों में काम करने गये थे. शुरुआती महीनों में पैसा भी मिले, लेकिन सात जून से शुरू हुई लड़ाई के कारण वहां काम बंद हो गया. कंपनी ने पैसा देना बंद कर दिया. रहना खाना मुहाल हो गया. चारों तरफ आतंकी संगठन व सरकार के बीच गोलीबारी तेज हो गयी. सूचना भारतीय दूतावास को मिली, तो वहां से निकालने का प्रयास तेज किया गया. मंगलवार को बिहार समेत अन्य प्रांत के लोगों को इराकी फ्लाइट से दिल्ली लाया गया. शाम 6.35 बजे सभी दिल्ली एयर पोर्ट पहुंचे. उनका आरोप है कि सबको भोजन के बाद दो हजार रुपये दिये गये, लेकिन बिहार के लोगों को नहीं मिला. सिर्फ एयर इंडिया की फ्लाइट पर पटना के लिए बैठा दिया गया. रात्रि 7.30 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचने के बाद उनके पास घर जाने के पैसे नहीं थे. वह रात्रि 11 बजे तक मदद का इंतजार करते रहे. एयरपोर्ट थाने के एसआइ नागेंद्र शर्मा ने बताया कि जब तक ये लोग यहां रहेंगे. उनकी सुरक्षा की जायेगी.
ये लौटे इराक से
असरफ अली, अली अकबर निवासी गण रामपुर खरैया,गोपालगंज, मिस्टर शाह, इमरान हुसैन निवासी फु लवरियां,सीवान, अजय कुमार निवासी सरावे, सीवान, कुशून निवासी कौसठ,बक्सर, राजेश्वर कुमार गंधपारा, सीवान, कमल गुप्ता मछागर,गोपालगंज, नंदलाल सिंह गोपालगंज, निजामुद्दीन अंसारी श्रीपुरखास, गोपालगंज, सुनील चौहान कोइलदेवां, गोपालगंज, राम इकबाल महतो, बसडीला गोपालगंज, अशोक कुमार गोपालगंज, कमरूदीन अंसारी, नरकटिया सेमरिवायां, सीवान, मोहम्मद मुमताज, बेतिया, जितेन्द्र यादव, पथरा, गोपालगंज, लल्लन महत्ताे हीरा पाकड़ गोपालगंज, संजय महतो हुलारा आरा,राजेश चौधरी सीवान सिधवल समेत 30 लोग हैं.