पटना : नरेंद्र मोदी सरकार के पहले बजट में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज नहीं मिला. राजधानी पटना भी वित्त मंत्री के बजट भाषण से लगभग अछूता रहा. लेकिन, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुछ ऐसी घोषणाएं की हैं, जिनसे बिहार को आनेवाले दिनों में लाभ होने की उम्मीद है.
बजट में बिहार को आइआइएम की सौगात मिली है. यदि आइआइएम की स्थापना पटना में होती है, तो यह इंदौर के बाद देश का दूसरा ऐसा शहर हो जायेगा, जहां आइआइटी और आइआइएम एक साथ होगा. बजट में इलाहाबाद से हल्दिया तक गंगा में जलमार्ग विकसित करने की घोषणा की गयी है. यह जलमार्ग पटना से होकर गुजरेगा. इस जलमार्ग के विकसित होने से पटना और गंगा के किनारे बसे राज्य के अन्य शहरों का भी विकास होगा और रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे.
बजट में भागलपुर में सिल्क उद्योग को बढ़ावा देने के लिए टेक्सटाइल मेगा कलस्टर की स्थापना की घोषणा की गयी है. इससे स्थानीय बुनकरों को न सिर्फ सुविधाएं मिल सकेंगी, बल्कि उन्हें बाजार भी उपलब्ध हो सकेगा. गया शहर को राष्ट्रीय धरोहर संवर्धन योजना में शामिल किया गया है. इससे पर्यटन के क्षेत्र में राज्य को बड़ा लाभ होने की उम्मीद है. लेकिन, इस योजना में नालंदा व वैशाली को शामिल नहीं करने से राज्य सरकार की कोशिशों को धक्का भी लगा है.
बजट में पटना के गंगा घाटों के सौंदर्यीकरण का भी जिक्र किया गया है. इससे यहां के गंगा घाट विकसित होंगे और वे पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र बनेंगे. सारनाथ-वाराणसी-गया बुद्धिस्ट सर्किट विकसित करने से बिहार पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर मजबूती से उभरेगा. बजट भाषण में वित्त मंत्री ने 20 लाख की आबादीवाले शहरों में मेट्रो रेल लाने की चर्चा की है. इससे पटना को भी मेट्रो रेल की उम्मीद जगी है.