पटना: एमबीए की छात्रा अंशु सिंह के अपहरण के मामले में नया मोड़ आ गया है. उसने अपने बयान (164 के तहत) में कहा कि उसका अपहरण नहीं किया गया था. उसके पिता ने गलतफहमी में अपहरण की प्राथमिकी कंकड़बाग थाने में दर्ज करा दी थी. अपहरण की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने तीनों नामजद आरोपित धर्मेद्र यादव, जितेंद्र यादव (दोनों विग्रहपुर निवासी) व गौतम उर्फ रौशन (पोस्टल पार्क, इंदिरा नगर रोड नंबर दो निवासी) को जेल भेज दिया था. मंगलवार को एमबीए छात्रा ने न्यायाधीश रश्मि प्रसाद की अदालत में दिये बयान में कहा कि वह अपनी मरजी से गयी थी.
चंदन उर्फ नूनू से अप्रैल में ही कर ली थी शादी : छात्रा और चंदन 15 अप्रैल को ही मीठापुर के आर्य समाज मंदिर में शादी कर चुके हैं. इस बात की जानकारी उनके पिता को नहीं थी.
माता-पिता को सौंपा गया : छात्रा के बयान के बाद उससे घर जाने की इच्छा पूछी गयी, तो वह तैयार हो गयी. इसके बाद उसके माता-पिता से अदालत में जिम्मेनामा बनवाया गया और फिर घर जाने की इजाजत दे दी गयी.
विदित हो कि 23 जून को कंकड़बाग थाना क्षेत्र से छात्रा के अपहरण होने की प्राथमिकी उसके पिता जीतेंद्र सिंह ने दर्ज करायी थी. उन्होंने कहा था कि उनकी बेटी का अपहरण धर्मेद्र यादव, जीतेंद्र यादव व गौतम उर्फ रौशन ने कर लिया है.